सायरस मिस्त्री ने बड़ी लड़ाई की तैयारी का एलान करते हुए ग्रुप की सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने रतन टाटा पर फर्जीवाड़े का इल्जाम लगाया और कहा कि रतन टाटा की अगुवाई में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उन्होंने 2-जी घोटाले समेत दूसरी गड़बड़ियों के लिए भी रतन टाटा पर सवाल उठाए.

मिस्त्री ने कहा कि वो कंपनी की विरासत बचाने के लिए अब तक लड़ रहे थे लेकिन अब वक्त आ गया है कि लड़ाई को ईजीएम से बाहर किसी बड़े प्लैटफॉर्म पर ले जाया जाए. उन्होंने रतन टाटा के खिलाफ कानूनी मोर्चा खोलने के संकेत दिए. बता दें कि कल से टाटा की 4 कंपनियों की ईजीएम होनी है.

वहीं टाटा संस ने मिस्त्री के इस्तीफे पर बयान जारी किया है और कहा है कि सायरस मिस्त्री ने रणनीति के तहत इस्तीफा दिया है और उनकी ओर से लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. इस बयान में ये भी कहा गया है कि शेयरधारकों की बड़ी संख्या मिस्त्री के खिलाफ है और टाटा संस ग्रुप की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हगौरतलब है कि आज से टाटा ग्रुप की कंपनी इंडियन होटल्स की ईजीएम होने वाली है और इस कंपनी में टाटा संस की 28 फीसदी हिस्सेदारी है.

गौरतलब है कि टाटा संस ने गत 24 अक्टूबर को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाकर उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया था. इसके बाद टाटा समूह की कई अन्य कंपनियों ने ईजीएम बुलाई है ताकि यह तय किया जा सके कि उनके बोर्ड में मिस्त्री को रखना है या नहीं. टाटा संस भी पहले मिस्त्री से यह कह चुकी है कि कॉरपोरेट गवर्नेंस पर उन्हें अपने दावे के मुताबिक चलते हुए टाटा समूह की कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा देना चाहिए.

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