विकास एक मध्यवर्गीय परिवार के नौकरीपेशा व्यक्ति हैं. उन के वेतन से घरखर्च, ईएमआई आदि के बाद कुछ रकम बच जाती है. कई बार एरियर आदि के रूप में भी उन्हें कुछ रकम एकसाथ मिल जाती है. यह रकम उन के बैंक के बचत खाते में पड़ी रहती है. जिस पर उन्हें सामान्यतया 4 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज मिलता है. बैंक एफडी पर ब्याज की घटती दरें उन्हें एफडी की तरफ अधिक आकर्षित नहीं कर पा रही हैं. वे अपने निवेश को सुरक्षित रहने के साथसाथ अपेक्षाकृत अधिक ब्याज चाहते हैं.
देश में विकास जैसे लाखों व्यक्ति हैं जिन की यही समस्या है. उन्हें एफडी की तरह सुरक्षित और अपेक्षाकृत अधिक रिटर्न प्रदान करने वाले निवेश माध्यमों की तलाश रहती है. ऐसे लोगों के लिए डेट फंड उपयोगी साबित हो सकता है. डेट फंड एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जो अपना निवेश ऋण बाजार प्रपत्रों में करता है. इस के यूनिटधारकों को रिटर्न प्रपत्रों पर मिलने वाले ब्याज आदि पर आधारित होता है.
जो निवेशक अपनी जमाराशि को बचत खाते से निकाल कर डेट फंडों में निवेश करना चाहें, उन के लिए लिक्विड फंड काफी उपयोगी साबित हो सकता है. इस में निवेश की अवधि काफी कम होती है और मिलने वाले रिटर्न में उतारचढ़ाव की संभावना भी काफी कम होती है. इन फंडों में बहुत छोटी अवधि जैसे केवल
5 या 15 दिनों के लिए भी निवेश किया जा सकता है. इन फंडों द्वारा छोटी अवधि वाले बौंड और अन्य प्रपत्र खरीदे जाते हैं जिन की परिपक्वता अवधि अकसर 1-2 माह ही होती है. इस श्रेणी के फंडों ने भी तकरीबन 7 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है.