रुपये की लगातार घटती कीमत को काबू में करने के लिए सरकार ने 19 सामानों पर सितंबर से इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी थी. इसके अलावा कई टेलीकौम इक्विपमेंट कंपनियों के शुल्क बढ़ा दिए गए हैं. सरकार का कहना है कि चालू खाते में हो रहे घाटे में कमी करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं.  इससे राजकीय कोष में 4,000 करोड़ का फायदा होगा और रूपये की घट रही कीमत में रूकावट आएगी. इसके अलावा स्थानीय निर्माताओं का फायदा होगा. हालांकि सरकार के इस कदम से आम इस्तेमाल की कुछ उत्पादों की कीमतों में तेजी आएगी. आइए जानते हैं कि वो कौन से उत्पाद हैं जिनकी कीमतों में वृद्धि होगी.

मोबाइल फोन

बेस स्टेशन, औप्टिकल ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, स्विच और आईपी रोडियो जैसे सामान पर आयात शुल्क बढ़ाए गए हैं. ये शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है. इससे मदरबोर्ड पर भी आयात शुल्क बढ़ेगा. इसके चलते बाजार में मोबाइल फोन महंगे हो सकते हैं.

गहनें

कीमती धातु जैसे सोना, चांदी में ड्यूटी 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है. इस वजह से गहने भी महंगे होंगे.

फ्रीज और एसी

इन दोनों सामानों पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. हालांकि ठंड के कारण लोगों की जेब पर इसका बहुत असर नहीं होगा.

वौशिंग मशीन

10 किलो तक की क्षमता वाले वौशिंग मशीन पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 से 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके चलते वौशिंग मशीन  भी महंगे होंगे.

फ्लाइट 

एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर सरकार ने 5 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. इसके बाद एविएशन इंडस्ट्री टिकट की कीमत बढ़ाने वाले हैं.

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