सरकार देश में उद्यम विकास को बढ़ावा देने के लिए नया प्रयोग कर रही है. उस की योजना जल्द से जल्द उद्योग शुरू करने के लिए निधि उपलब्ध कराने व उसे तकनीकी तथा व्यावसायिक सहायता देने के वास्ते एक विश्वसनीय मंच स्थापित करने की है. इस के लिए टैक्निकली बिजनैस इंक्यूवेटर-टीबीआई बनाया जाएगा जो तत्काल उद्यम शुरू करने के लिए उद्यमी को आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराएगा. इस में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी तथा एनआईटी और सीएसआईआर के विशेषज्ञ शामिल होंगे. तकनीकी विशेषज्ञों के इस दल की प्रतिभा का लाभ वित्तीय स्थिति के कारण निवेशक लेने से असमर्थ नहीं रहे, इस के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों तथा निवेशकों की एक संयुक्त निधि होगी जहां से उद्योग शुरू करने के लिए आवश्यक मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

उद्यम विकास का यह देश में अपनी तरह का पहला विकास मौडल होगा. इस तरह का मौडल अमेरिका और इसराईल के पास है. सरकार अपने इस आइडिया को जल्द ही क्रियान्वित करने के लिए काम कर रही है. यह योजना यदि लागू होती है तो देश में अगले एक दशक के दौरान उद्यम विकास को नई ऊंचाई मिल सकती है. एक अनुमान के अनुसार, अगले 10 वर्षों के उद्योगों के विकास के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी. हमारे यहां सालाना उद्योग विकास में सिर्फ 1,200 करोड़ रुपए का निवेश होता है जबकि चीन तथा अमेरिका में यह दर इस से ढाई गुना अधिक है. चीन की औद्योगिक विकास की दर हम से ढाई गुना ज्यादा है फिर भी हम इसे आर्थिक विकास की दर पर अपना प्रतिस्पर्धी मानते हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार का यह प्रयास रंग लाएगा और अगले एक दशक में हम मजबूत औद्योगिक विकास की सीढि़यों पर खड़े होंगे.

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