कर्मचारी प्रॉविडेंट फंड (EPF) यानि कर्मचारी भविष्य निधि सरकारी और गैर सरकारी नौकरीपेशा लोगों के लिए महत्वपूर्ण जमा खाता है. पेंशन का लाभ अधिकांश नौकरियों में नहीं ही मिलता है और इसलिए रिटायरमेंट के बाद यह किसी भी शख्स के लिए बेहद जरूरी निवेश साबित होता है जिसमें वह नौकरी के वर्षों में अंशदान करता है. पीएफ से जुड़ी ये जानकारियां आपको मालूम होंगी लेकिन हाल के दिनों में हुए कुछ बदलाव हुए हैं जिनके बारे में आपको न पता हो तो आइए एक नजर डाल लें.

कितना होता अंशदान

पीएफ में अंशदान न केवल कर्मचारी द्वारा किया जाता है बल्कि एक मद नियोक्ता द्वारा भी जमा करवाया जाता है. ईपीएफ में से 8.33 फीसदी अंशदान पेंशन में जाता है और बाकी की राशि पीएफ में जाती है. ईपीएफ से पेंशन 58 साल की उम्र से मिलती है. पीएफ का पैसा बीमारी का इलाज, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर निकाल सकते हैं.

कब निकाल सकते हैं पीएफ

अगर दो महीने से बेरोजगार हैं तो पीएफ से पैसे निकाल सकते हैं. पीएफ खाता खोलने के 5 साल के अंदर पैसे निकालने पर टैक्स लगता है.

आधार हुआ जरूरी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने लगभग 4 करोड़ अंशधारकों के लिये आधार संख्या जमा करने की तारीख बढ़ाकर 30 अप्रैल 2017 कर दी है. इससे पहले ईपीएफओ (EPFO) ने आधार संख्या जमा करने की समयसीमा 31 मार्च 2017 तय की थी.

रिटायरमेंट के वक्त पीएफ खाता धारक को मिलेंगे 50 हजार रुपए

पीएफ (PF) के वे अंशधारक जो 20 साल या इससे अधिक समय तक अंशदान करते रहेंगे, उन्हें रिटायरमेंट के वक्त 50000 रुपए अतिरिक्त रकम (जिसे बोनस भी कह सकते हैं) मिलेगा. इसे शुरू में दो सालों के लिए प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जाएगा और बाद में इसकी समीक्षा की जाएगी.

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