पर्सनल लोन आपात स्थिति में आपकी मदद करता है, फिर चाहे मामला चिकित्सा से या अन्य किसी अघोषित खर्च से जुड़ा हुआ. उसमें आपको ऐसी स्थिति से बाहर निकालने की क्षमता रखता है जब आप खर्च पूरा करने में असमर्थ होते हैं.
पर्सनल लोन की तेजी से और आसानी से मिल जाने की सुविधा इसे अप्रत्याशित वित्तीय संकट के दौरान पसंदीदा लोन का विकल्प बनाती है. कम समय के लिए वित्तीय जरूरतों को पूरा करने वास्ते ये उधार का सबसे बढ़िया माध्यम भी होते हैं. हालांकि, क्योंकि ऐसे लोन पर ब्याज दर अधिक होती है, इन्हें चुनने से पहले सावधानी और संयम महत्वपूर्ण होता है, तो रीपेमेंट में कोई गलती या देरी के चलते भारी खर्च के साथ ही कर्ज के जाल में फंसने की संभावना बन जाती है. यहां पांच सावधानियां बताई गई हैं जो कि सुनिश्चित करने में आपकी सहायता कर सकती हैं कि आपका पर्सनल लोन आर्थिक जिम्मेदारी न बन जाए.
1. एक से अधिक लोन लेने से बचें : वित्तीय संकट में पैसा जुटाने की हताशा के चलते अक्सर लोग अलग-अलग बैंकों या एनबीएफसी से लोन की मांग करते हैं. एक से अधिक आवेदन लोन मंज़ूर होने की संभावना को कम करते हैं. लोन के हर आवेदन के साथ बैंक आवेदक के क्रेडिट स्कोर और लोन हिस्ट्री की जांच करते हैं. एक से अधिक लोन लेने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उधार लेने की संभावना कम हो जाती है. ऐसा व्यक्ति जिसका क्रेडिट स्कोर कम हो उससे बढ़िया क्रेडिट स्कोर वाले किसी व्यक्ति की तुलना में आमतौर पर अधिक ब्याज दर लिया जाता है.