पोस्टकार्ड के जरिए चिट्ठी भेजने का प्रचलन आज की पीढ़ी के लिए दादादादी द्वारा सुनाई जाने वाली एक रोचक कहानी हो सकती है लेकिन उन से यदि यह कहा जाए कि पोस्टकार्ड का प्रचलन फिर से शुरू हो रहा है तो उन्हें शायद विश्वास नहीं होगा. यकीन मानिए सरकार फिर से पोस्टकार्ड द्वारा चिट्ठी भेजने की व्यवस्था लागू कर रही है, लेकिन नए अवतार के साथ. भारतीय डाक विभाग पोस्टकार्ड जैसी साधारण चिट्ठी को ई-मेल के जरिए प्रचलन में लाने की संभावना पर काम कर रहा है. यह कार्य एक संसदीय समिति के प्रस्ताव के आधार पर किया जा रहा है. समिति ने कहा था कि डाक विभाग पोस्टकार्ड जैसी साधारण डाक को आधुनिक तकनीक के जरिए नए तौर पर पेश कर सकता है. इस व्यवस्था के तहत पोस्टकार्ड को जहां से भेजा जाएगा, वहां स्कैन कर के उस के पावक के पते पर ई-मेल से भेजा जाना है. जैसे ही स्कैन पोस्टकार्ड उस के गंतव्य वाले आखिरी पोस्ट औफिस में पहुंचेगा, वहां स्कैन का प्रिंट निकाला जाएगा और पावक के पते पर उसे भेज दिया जाएगा. इस से कागज की ढुलाई, डाक ले जाने में बीच में होने वाली सारी कसरत और समय की बरबादी से बचा जा सकेगा.

डाक विभाग को यह सुझाव अच्छा लगा है और उस ने इस सुझाव को लागू करने की संभावना तलाशने पर काम शुरू कर दिया है. इस के लिए उसे सब से पहले अपने डाकघरों का कंप्यूटरीकरण करना होगा और देशभर में फैले डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट औफिसों के कंप्यूटरीकरण के लिए अभियान चलाना होगा.हर गांव में डाकघर हो सकता है लेकिन बिजली की लाइन हर गांव में नहीं है. कंप्यूटरीकरण के लिए पहले गांव का विद्युतीकरण किया जाना जरूरी है. सरकार यदि यह योजना लागू करती है तो इसी बहाने हर गांव रोशन हो सकेगा.

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