बहुत सारे पढ़ेलिखे लोग रुपएपैसे के मामले में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं. जबकि बहुत सारे अनपढ़ लोग वित्तीय निर्णय के मामले में पढ़ेलिखे लोगों से भी ज्यादा समझदार व बुद्घिमान होते हैं. कई लोग पैसों को फुजूलखर्ची से बचा कर उस की हिफाजत करना और उन्हें सुरक्षित जगह इकट्ठा कर के रखना ही बुद्धिमानी भरा कदम मानते हैं. जबकि यह बिलकुल नामसमझी और अपने पैसों को नुकसान पहुंचाने वाला निर्णय होता है. ऐसा करने वाले अपने संचित धन की क्रयशक्ति को छीजने के लिए छोड़ देते हैं.

बुद्घिमान लोग अपनी बचत और कमाई के पैसों को वित्त बाजार रूपी खेत में बीज की तरह इस्तेमाल कर के उस से रुपयों के पेड़ उगाते हैं. इन्हें पैसों की खेती करनी आती है और सही जगह निवेश कर के रुपयों का पेड़ उगाना आता है. संचित धन कभी बढ़ता नहीं, बल्कि छीजता है जबकि निवेशित धन निरंतर बढ़ता है और अपने स्वामी को पूरा लाभ पहुंचाता है.

आइए जानते हैं कुछ बातें जिन से आप भी अपनी बचत के बीजों को रुपयों के पेड़ में तबदील कर सकेंगे.

पैसा छिपाएं नहीं, लगाएं :  ज्यादातर लोगों में एक आम प्रवृत्ति होती है, पैसे को छिपा कर रखने और उस का गुप्त भंडारण करने की. इस की मूल वजह है टैक्स की बचत. लेकिन इस से मन में सदैव डर, संदेह और कर विभाग द्वारा जब्ती का जोखिम बना रहता है. वहीं, अगर आप पैसा एक नंबर में रखते हैं और उसे किसी अच्छी जगह निवेश करते हैं, तो न आप के मन में डर या संदेह रहेगा, न कर विभाग द्वारा छापामारी का भय. साथ ही, आप की रकम के बढ़ने की उम्मीद भी रहेगी.

ध्यान रहे, टैक्स की चोरी कर के, चोरीछिपे रखा धन आप का होने के बावजूद आप कभी भी उस के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकते और न ही खुल कर उस का मजा ले सकते हैं. बेहतर होगा कि कर सलाहकार से टैक्स बचाने की तकनीकी जानकारी हासिल कर के उसे किसी अच्छी जगह लगाएं ताकि वह बढ़ कर आप के पास आए.

निवेश और बचत में फर्क :  बचत और निवेश 2 अलगअलग चीजें हैं. माना कि बचत एक अच्छी आदत है लेकिन निवेश के बिना इस का पूरा फायदा नहीं उठाया जा सकता और असली मकसद भी पूरा नहीं हो सकता. जैसे, एक अच्छा बचतकर्ता बनने के लिए अनुशासन और दीर्घ अवधि की लगन की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार उस के निवेश के लिए बेहद सावधानी और चुस्त,  सक्रिय दिमाग की जरूरत होती है. सही निवेश के लिए आप को थोड़ा सा लालची भी होना पड़ेगा ताकि आप अपनी गाढ़ी कमाई से बचाई गई रकम का अधिक से अधिक फायदा उठाने के लिए तत्पर रहें.

कई लोग यह सोच कर कि उन्हें तो वित्तीय मामलों की जानकारी नहीं, अपडेट, विश्लेषण करने की क्षमता नहीं, हाथ पर हाथ धर कर बैठ जाते हैं और अपने पैसे बैंक अकाउंट में डाल कर संतुष्ट हो जाते हैं या फिर इधरउधर से सुनीसुनाई टिप्स के आधार पर शेयर्स खरीद लेते हैं. ऐसे लोगों को समझना होगा कि जैसे आप चिकित्सा के लिए डाक्टर और मुकदमा लड़ने के लिए वकील की मदद लेते हैं, ठीक उसी प्रकार वित्तीय मामलों के लिए अच्छे फाइनैंशियल एडवाइजर की मदद लेनी पड़ती है.

बचत खाते में न रखें सारा पैसा :  आप के बचत खाते में सारी रकम को इकट्ठा रखना नादानीभरा निर्णय है. इस से आप को बमुश्किल 4-5 फीसदी सालाना ब्याज मिल पाता है. अगर आप के पास पैसा है और आप उस के सही निवेश का निर्णय नहीं ले पा रहे या निवेश के लिए सही समय या माध्यम का इंतजार कर रहे हैं, तो भी बड़ी रकम को बचत खाते में संचित रखना बेकार है.

इस के बजाय आप को उक्त अवधि के लिए बैंक में फिक्स्ड डिपौजिट कर देना चाहिए जहां आप को 8.5 फीसदी के आसपास रिटर्न मिलता रहता है या फिर बैंक में ‘स्विप इन’ या फ्लैक्सी अकाउंट खोलें, जिस में एक खास सीमा के बाद आप के रुपए फिक्स्ड डिपौजिट अकाउंट में चले जाते हैं, जिन्हें आप जब चाहें बिना पैनल्टी दिए निकाल सकते हैं.

अलग अलग जगह लगाएं पैसा :  इन्वैस्टमैंट का एक गोल्डन रूल है- सारा पैसा कभी भी एक जगह निवेश न करें. दरअसल, कोई भी जगह या माध्यम सौ फीसदी सुरक्षित या जोखिम रहित नहीं है. अपने वित्तीय सलाहकार और अपने शुभचिंतक, क्वालीफाइड लोगों से राय लेने के बाद, खुद की सूझबूझ से रकम को अलगअलग कई हिस्सों में बांट लें और उन्हें रिटर्न मिलने व जोखिम की दर के मुताबिक कम या ज्यादा अलगअलग जगह निवेश कर दें.

निवेश के लिए कई रास्ते हैं जैसे म्यूचुअल फंड में कुछ पैसा एकमुश्त लगाएं, तो कुछ पैसा एसआईपी यानी सिस्टेमैटिक इन्वैस्टमैंट प्लान के माध्यम से लगाएं, कुछ पैसा बैंक में फिक्स्ड डिपौजिट करें, कुछ पैसा शेयर बाजार में फंडामैंटली स्ट्रौंग कंपनियों के शेयर खरीदने में लगाएं, कुछ पैसों का सोना खरीदें और प्रौपर्टी भी खरीदें. इस प्रकार आप का पैसा चौतरफा लगा रहेगा, तो कभी भी किसी अनहोनी में आप पर वज्रपात जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी. वैसे तो लाइफ इंश्योरैंस पौलिसी का मूल उद्देश्य मृत्यु के बाद पतिपत्नी और बच्चों के लिए कुछ व्यवस्था करने का होता है पर यह भी अप्रत्यक्ष रूप से निवेश  का एक साधन है, जिसे हर किसी को अपनाना चाहिए.

फाइनैंस वर्ल्ड की रखें खबर :  वित्त संबंधी निर्णय सही तरीके से लेने में खुद को सक्षम बनाने के लिए आप को मनी वर्ल्ड की खबरों से अपडेट होना पड़ेगा. यह काम बहुत कठिन नहीं है. बस, आप को अपने दैनिक अखबार में फाइनैंस और कारोबार से जुड़ी खबरों पर ध्यान देना होगा, फाइनैंस से जुड़े अखबार पढ़ने की आदत डालनी होगी और बिजनैस खबरों पर केंद्रित व फाइनैंस से जुड़े टीवी चैनल देखने होंगे.

इन सब चीजों से आप को वित्तीय जगत से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां मिलने लगेंगी और आप काफी हद तक निवेश व रुपएपैसों से जुड़ी बारीकियां समझने लगेंगे. इन सब के साथ, अच्छे लेखकों व वित्तीय सलाहकारों की किताबें पढ़ने की आदत भी डालें. इस से आप को निवेश की सही योजना बनाने में सुविधा होगी.

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