केंद्र सरकार देश के हर नागरिक को छत देने के साथ ही हर गांव के प्रत्येक घर को रोशन भी करना चाहती है. अक्षय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने सौर ऊर्जा पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि देश के 6 लाख गांवों की 40 फीसदी आबादी अंधेरे में है. सरकार इस अंधेरे को सौर ऊर्जा के माध्यम से दूर करना चाहती है.

गोयल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने का सपना पाले हुए हैं और इस सपने को वे अपने 5 साल के कार्यकाल में पूरा करना चाहते हैं. इस पर काम तेजी से आगे बढ़े, इसलिए अक्तूबर के आखिर में इस विषय पर देश में वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.

बिजली मंत्री इसे ऊर्जा का निर्मल स्रोत बताते हैं लेकिन सवाल यह है कि यदि यह काम इतना आसान है तो देश की बिजली जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने परमाणु ऊर्जा जैसी घातक राह क्यों पकड़ी? विशेषज्ञ आज सरकार को सौर ऊर्जा में दुनिया का सिरमौर बनने का सपना दिखा रहे हैं लेकिन कल तक ये विशेषज्ञ किस वजह से चुप थे? इन विशेषज्ञों को पहले यह बात क्यों नहीं सूझी. यह बड़ा सवाल है. लेकिन यदि सरकार को लगता है कि सचमुच सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत दुनिया का सुपरपावर बन सकता है तो उसे देश के बिजली संकट को दूर करने के लिए आक्रामक योजना बनानी चाहिए और ऊर्जा परमाणु संयंत्र और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली बिजली परियोजनाएं बंद होनी चाहिए.

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