अगस्त की शुरुआत में शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. सप्ताह के आखिरी और माह के पहले दिन बौंबे शेयर बाजार का सूचकांक 414 अंक गिर गया. जुलाई के आखिरी कारोबारी दिन सूचकांक 193 अंक गिर कर 26 हजार अंक से नीचे उतरा. नैशनल स्टौक एक्सचेंज यानी निफ्टी 119 अंक गिरा, जो 11 जुलाई के बाद सब से बड़ी गिरावट रही.

वाहन निर्माता कंपनियों का कहना है कि जुलाई माह में उन की बिक्री 2 अंकों (डबल डिजिट) पर पहुंची है. इस के बावजूद रुपया भी अगस्त की शुरुआत में 4 माह के निचले स्तर पर पहुंचा है. एक सप्ताह के दौरान उस अवधि में रुपया 63 पैसे गिरा है जो इस साल की 24 जनवरी के बाद की सब से बड़ी गिरावट है. 25 जुलाई को सूचकांक लगातार 8 सत्र की बढ़त के बीच रिकौर्ड ऊंचाई पर पहुंचा लेकिन कारोबार समाप्त होने पर 145 अंक लुढ़क कर बंद हुआ.

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वैश्विक बाजार में जोखिम की संभावना जताई है. इस से बीएसई का सूचकांक 24 अंक गिर गया और रुपया 61 पैसे कमजोर पड़ गया. यह 24 जनवरी के बाद एक दिन की सब से बड़ी गिरावट है.

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