विश्व मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की अध्यक्ष क्रिस्टाइन लगार्डे ने बजट में महिलाओं को वित्तीय आधार पर मजबूती प्रदान करने के उपाय करने की सलाह दी है. आईएमएफ की प्रमुख बनने से पहले क्रिस्टाइन लगार्डे ने वित्त मंत्री के रूप में जरमनी में लैंगिक आधार पर समानता लाने के लिए कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं. वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़े, इस के लिए उन्होंने जरमनी में कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं के लिए 40 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी. इस व्यवस्था के बल पर जरमनी में वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है. आईएमएफ के 80 देशों में वित्तीय क्षेत्र में लिंगभेद समाप्त करने तथा महिलाओं को अधिक अवसर देने संबंधी एक अध्ययन की समीक्षा के दौरान उन्होंने भारत की तारीफ की लेकिन हिदायत भी दी कि लिंगभेद कम करने के लिए महिलाओं को ज्यादा वित्तीय अधिकार देने की बजट में व्यवस्था की जानी चाहिए. जलवायु परिवर्तन को 10वें वित्त आयोग द्वारा संज्ञान में लेने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जब जलवायु परिवर्तन को वित्तीय पूल में हिस्सेदार बनाया जा सकता है तो महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगला वित्त आयोग महिलाओं को वित्तीय मजबूती प्रदान करने के लिए बजट में व्यवस्था करने को कहेगा. बाजार नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी कंपनियों को निदेशक मंडल में महिला निदेशक की नियुक्ति का सख्त आदेश पहले ही दे चुका है और बड़े स्तर पर इस आदेश का पालन भी किया जा रहा है.