काला धन तलाश रही सरकार के टैक्स अधिकारी सड़कों के किनारे वड़ा पाव, डोसा और जलेबी बेचने वालों की जेबें भी खंगाल रहे हैं. पहली बार देश के छोटे कारोबारियों को इतने बड़े पैमाने पर रेड और सर्वे के निशाने पर लिया गया है. आने वाले दिनों में हर बड़े शहर में रोज कम से कम 20 छापे मारे जा सकते हैं. सरकार ने जो इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) शुरू की थी, वह करीब 10 दिनों बाद बंद होने वाली है.
अकेले मुंबई रीजन में ठाणे के एक जानेमाने वड़ा पाव सेंटर, घाटकोपर के एक डोसा सेंटर, अंधेरी के एक सैंडविच सेंटर और साउथ मुंबई के एक जलेबीवाले सहित खाने-पीने के ऐसे करीब 50 ठिकानों पर छापा मारा गया है और इनके मालिकों से आईडीएस के तहत काले धन का खुलासा करने को कहा गया. वहीं अहमदाबाद, नई दिल्ली और कोलकाता में भी ऐसे करीब 100 दुकानदारों पर या तो छापा मारा गया या सर्वे की कार्रवाई की गई.
टैक्स विभाग ने पिछले छह महीनों में जो जानकारी जुटाई है, उसके आधार पर छापे मारे जा रहे हैं. एक टैक्स ऑफिशल ने बताया कि सरकार ने करीब एक लाख छोटे कारोबारियों और दुकानदारों की लिस्ट बनाई है जिन पर टैक्स चोरी का शक है. माना जा रहा है कि सरकार ने हर शहर के लिए टारगेट सेट किया है.
मुंबई और नई दिल्ली की तरह टैक्स विभागों को लगभग 2,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य दिया गया है. ईटी इन आंकड़ों की पुष्टि टैक्स अधिकारियों से नहीं करा सका. हालांकि, इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि पिछले एक महीने में रेड और सर्वे बढ़े हैं और ऐसी बात पहले तो नहीं होती थी.