सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और RBI से पूछा कि जो लोग नोटबंदी के दौरान दिए वक्त में पुराने नोट जमा नहीं करा पाए, उनके लिए कोई विंडो क्यों नहीं हो सकती? कोर्ट ने कहा कि जो लोग उचित कारणों के चलते रुपए बैंक में जमा नहीं करा पाए, उनकी संपत्ति सरकार इस तरह नहीं छीन सकती है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों के पास पुराने नोट जमा कराने के सही कारण है, उन्हें एक बार फिर से मौका दिया जाना चाहिए.

महिला याचिकाकर्ता की सुनवाई पर

एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि अगर उचित कारण वाले लोगों को एक और मौका नहीं दिया जाता है तो इसे गंभीर मुद्दा माना जाएगा. देश की सर्वोच्च अदालत ने सवाल किया कि अगर रुपए जमा कराने की अवधि में अगर कोई जेल में रहा होगा, तो वो रुपए कैसे जमा कराता? कोर्ट ने कहा कि ऐसे हालात को समझते हुए सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों के लिए कोई ना कोई विंडो जरूर दे.

"जो लोग उचित कारणों से पुराने नोट बैंक में जमा नहीं करा पाए, उनकी संपत्ति सरकार नहीं छीन सकती. ऐसे लोगों को एक मौका दिया जाना चाहिए."-सुप्रीम कोर्ट

केन्द्र सरकार ने जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त मांगा

सुप्रीम कोर्ट की इन टिप्पणियों पर केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए दो हफ्ते का वक्त मांगा. सुप्रीम कोर्ट एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उसने कहा था कि वो नोटबंदी के वक्त अस्पताल में थी और उसने बच्चे को जन्म दिया था, इस वजह से से तय समय-सीमा पर पुराने नोट जमा नहीं कर सकी. इससे पहले 21 मार्च को कोर्ट ने कहा था कि जिन लोगों ने 30 दिसंबर तक पुराने नोट जमा नहीं कराए, उनको एक विंडो देना चाहिए. गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर से 30 दिसंबर तक ही पुराने नोट जमा कराने का मौका दिया था.

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