इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने 1 अक्टूबर से इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस अकाउंट रखना अनिवार्य कर दिया है. इस अकाउंट को खोलने और ई-पॉलिसी खरीदने के बारे में फ्यूचर जेनराली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ईश्वर नारायणन यहां दे रहे हैं महत्वपूर्ण जानकारी.

ई-इंश्योरेंस की शुरुआत दो वर्ष पहले हुई थी, लेकिन ई-इंश्योरेंस अकाउंट को अभी अनिवार्य किया गया है. इसका मकसद आपके इंश्योरेंस पोर्टफोलियो को कंसॉलिडेट करना और क्लेम का प्रोसेस आसान बनाना है. यह अकाउंट खोलने के लिए कोई अतिरिक्त कॉस्ट नहीं है. अकाउंट खोलने के बाद आपकी सभी इंश्योरेंस पॉलिसीज एक स्थान पर उपलब्ध होंगी. आप क्लेम करने या कोई शिकायत दर्ज कराने के लिए पॉलिसी को कभी भी एक्सेस कर सकते हैं. आपको इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी के ऑफिस में खुद जाने की जरूरत नहीं होगी.

शिकायत का निपटारा रिपॉजिटरी की ओर से बनाए गए ग्रिवेंसेज सेल की ओर से किया जाएगा. इस सिस्टम में डेटा भी पूरी तरह गोपनीय रहेगा. इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा फायदा KYC का होगा, जिससे एक विश्वसनीय और बड़ा डेटाबेस बनेगा, जिसमें कस्टमर की इंश्योरेंस हिस्ट्री के साथ उसके क्लेम की डिटेल्स भी होंगी.

कैसे खोलें अकाउंट

सबसे पहले इंश्योरेंस रिपॉजिटरी चुनें. आप IRDAI की ओर से अधिकृत पांच रिपॉजिटरी- CAMS रिपॉजिटरी सर्विसेज, कार्वी इंश्योरेंस रिपॉजिटरी, सेंट्रल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी, NSDL डेटाबेस मैनेजमेंट और SHCIL प्रॉजेक्ट्स में से किसी एक को चुन सकते हैं.

इसके बाद रिपॉजिटरी की वेबसाइट पर लॉग इन कर ऐप्लिकेशन फॉर्म भरें. फॉर्म के साथ KYC डॉक्युमेंट्स अटैच करें और उन्हें ऑनलाइन जमा करें. अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड और परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड अनिवार्य हैं. इसके अलावा ऐड्रेस प्रूफ के लिए आप रजिस्टर्ड लीज और सेल के लिए लाइसेंस अग्रीमेंट, आधार लेटर, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे अन्य डॉक्युमेंट्स जमा कर सकते हैं.

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