रिज़र्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि ब्याज दर में आगे और कटौती के लिए केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति आंकड़ों और मॉनसून की भविष्यवाणी पर नजदीकी से निगाह रखे हुए है. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति अभी भी समन्वय बिठाने वाली उदार राह पर है. रिजर्व बैंक ने इस महीने मुख्य नीतिगत दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत किया है.

राजन ने हालांकि आगे के लिए ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि अगली कटौती कब और कितनी होगी. उन्होंने कल कोलंबिया लॉ स्कूल में एक समारोह में कहा, 'हम मुद्रास्फीति पर निगाह रखे हुए हैं और अच्छे मॉनसून के संकेत पर भी नजर रख रहे हैं. जैसे ही कुछ साक्ष्य उभरते हैं उससे हमें यह और अधिक जानकारी मिलेगी कि मौद्रिक नीति की आगे की दिशा कैसी होगी.'

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च महीने में छह महीने के न्यूनतम स्तर 4.83 प्रतिशत पर रही. फरवरी में यह 5.26 प्रतिशत थी. राजन चाहते हैं कि मार्च 2017 तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत के भीतर रहे और अच्छे मानसून से बेहतर फसल उत्पादन का रास्ता साफ होगा.

राजन ने ब्याज दर पर मानसून के असर के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'हम अभी भी उदार मौद्रिक नीति के दौर में हैं लेकिन आगे इसमें कब और कितनी कटौती होगी यह हमें देखना होगा.' दो साल के सूखे के बाद मौसम विभाग ने पिछले सप्ताह भविष्यवाणी की कि पिछले तीन साल में पहली बार औसत से बेहतर मानसून रहेगा.

राजन ने कहा कि मौद्रिक नीति का संयोजन आसानी से नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, 'लेकिन हम मौद्रिक नीति के बारे में बात कर रहे हैं. देखना होगा कि कितनी कटौती की जा सकती है और बिना बाकी दुनिया पर बोझ डाले हमारे लिए कितनी कटौती लाभदायक है.' उन्होंने कहा कि ब्याज दर पर फैसला करने के लिए छह सदस्यी मौद्रिक नीति समिति बनेगी. उन्होंने कहा, 'मैं अब भारत में नीतिगत दर तय नहीं करूंगा, समिति तय करेगी.' इसका फायदा यह होगा कि एक के बजाए छह लोग नीतियों पर फैसला करेंगे और समिति में निरंतरता है.

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