भारत सरकार के लिए मेहुल चौकसी, विजय माल्या जैसे नाम गले का फांस बने हुए हैं. पर हालिया खबर जो आ रही है उससे सरकार पर ये दबाव और ज्यादा बढ़ सकता है. मेहुल, नीरव, माल्या और विक्रम कोठारी जैसे कई बड़े डिफाल्टरों के अलावा और भी कई नाम हैं जो सामने आ सकते हैं. दरअसल सेंट्रल इंफार्मेशन कमीशन (CIC) ने रिजर्व बैंक के गवर्नर और प्रधानमंत्री कार्यालय को नोटिस जारी कर कहा है कि जल्द से जल्द विलफुल डिफाल्टर्स के नाम का खुलासा करें.

इन बड़े नामों के अलावा डिफाल्टर्स की लिस्ट में ऐसे कई नाम हैं जिनका नाम सामने नहीं आ सका है. इन डिफाल्टर्स के नाम को बैंको ने सार्वजनिक नहीं किया. चीफ इंफार्मेशन कमीशन ने राइट टू इंफार्मेशन एक्ट (RTI Act) के तहत पूछा है कि आखिर क्यों अब तक डिफाल्टर्स की लिस्ट नहीं जारी की गई? CIC की सख्ती के बाद देश भर के तमाम विलफुल डिफाल्टर्स के लिए परेशानी बढ़ सकती है और इनके नाम जल्दी ही सार्वजनिक किया जा सकता है. इस मामले में रिजर्व बैंक को 26 नवंबर तक नोटिस का जवाब देना है.

पिछले किछ दिनों में पब्लिक सेक्टर के केवल चार बैंकों ने डिफाल्टर के नामों का खुलासा किया. आपको बता दें कि इस लिस्ट में 1814 ऐसे डिफाल्टर हैं जिनके पास बैंकों के कुल 41 हजार 716 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि लगभग सभी बैंकों में डिफाल्टर हैं. इनमें शीर्ष 10 डिफाल्टरों के पास बकाया रकम का आधा पैसा फंसा हुआ है. अब देखने वाली बात होगी कि बैंक डिफाल्टरों की लिस्ट कितनी बड़ी होने वाली है और इसमें कितने बड़े नाम और जुड़ने वाले हैं.

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