इस समय त्यौहारों का मौसम चल रहा है. ऐसे में ज्यादातर बड़े स्टोर और ई-कौमर्स कंपनियां अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए नो कौस्ट ईएमआई का लुभावना औफर दे रही हैं. यह औफर मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन और एसी जैसे सामान खरीदने पर दिया जा रहा है.

हालांकि लोगों को इस तरह के औफर से एक ही फायदा होता है, वो यह कि लोगों को सामान खरीदने पर एकमुश्त पैसा नहीं देना पड़ता. लेकिन इसका केवल एक यह फायदा बाकी सभी तरह के होने वाले नुकसान को छिपा देता है और लोगों को पता भी नहीं चलता कि वह सामान की वास्तविक कीमत से ज्यादा पैसा चुकाते हैं.

अगर आपको लगता है कि नो कौस्ट ईएमआई पर सामान खरीदना महंगा नहीं है, तो फिर आप गलत सोच रहे हैं. नार्मल ईएमआई हो या फिर नो कौस्ट ईएमआई आप हमेशा एमआरपी से ज्यादा पैसा चुकाते हैं.

बिना क्रेडिट कार्ड खरीद सकते हैं सामान

अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है तो भी बैंक डेबिट कार्ड के जरिए नो कौस्ट ईएमआई पर सामान खरीदने की सुविधा दे देते हैं. इस ईएमआई को आप 3 महीने से लेकर के 12 महीने के बीच चुका सकते हैं.

16 से 24 फीसदी ब्याज

इस तरह की स्कीम पर आपको 16 से 24 फीसदी ब्याज देना होता है. बैंक आपसे पर्सनल लोन पर लगने वाले ब्याज दर को ही नो कौस्ट ईएमआई में लिया जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर के अनुसार जीरो या फिर नो कौस्ट ईएमआई का सिद्धांत ही नहीं है. बैंक व अन्य वित्तीय कंपनियां इसको केवल मार्केटिंग छलावा है, क्योंकि किसी को भी कुछ सस्ता नहीं मिलता है.

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