इन दिनों देश में घोटालों की बाढ सी आ गई है आप बैंको में होने वाले घोटालों से तो पूरी तरह से वाकिफ होंगे. घोटालों के मौसम में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा 3200 करोड़ रुपये के टीडीएस घोटाले के उजागर होने के बाद इसके शिकार आप भी हो सकते हैं, यानी कि आप पर भी इसकी गाज गिर सकती है. मालूम हो कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 447 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, लेकिन इसकी गाज उन कर्मचारियों पर भी गिरेगी जिनका टैक्स जमा नहीं किया गया है.
ITR के लिए जरूरी होता है टीडीएस
अगर आपकी सैलरी से कंपनी टीडीएस काटती है तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देना जरूरी होता है. बिना टीडीएस की जानकारी दिए आईटीआर गलत फाइल हो सकता है, जिसकी जांच होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे पहले पूछताछ और बाद में आपके खिलाफ केस दर्ज कर सकता है. विभाग टैक्स चोरी के अपराध में आप पर जुर्माना भी लगा सकता है. इसलिए आपको टीडीएस कटने के बाद उसके जमा होने की भी जानकारी होनी चाहिए.
हर तिमाही के बाद जमा होता है टीडीएस
प्रत्येक कंपनी को हर तिमाही के खत्म होने के एक महीने के अंदर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास टीडीएस जमा करना होता है. 31 मार्च को खत्म होने वाली तिमाही के लिए टीडीएस जमा करने की आखिरी तारीख 31 मई है. इसके बाद फौर्म 26 एएस को 31 मई के बाद अपलोड किया जाएगा.
फौर्म 16 और 26ए एस में दिखेगा अंतर
टीडीएस जमा नहीं होने पर इसका अंतर आपके फौर्म 16 और 26ए एस में दिखेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि टीडीएस कटने की जानकारी फौर्म 16 में तो दिखेगी, लेकिन 26ए एस में टैक्स जमा होने के तौर पर नहीं दिखेगा. ऐसा होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके पास डिमांड नोटिस भेज सकता है. इसलिए अपने फौर्म 26 एएस को हर तिमाही के बाद चेक करना ना भूलें.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हर टैक्सपेयर के फौर्म 26 एएस को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करता रहता है. https://incometaxindiaefiling.gov.in/e-Filing/UserLogin/LoginHome.html?nextPage=taxCred पर आप लौगिन करके इसको देख सकते हैं. लौगिन करने के लिए आपको यूजर आईडी के तौर पर अपना पैन नंबर, पासवर्ड (कम से कम आठ करेक्टर का), जन्म तिथि और कैप्चा कोड देना होगा. इसको सबमिट करने के बाद आपका पेज खुल जाएगा. यहां पर माई अकाउंट सेक्शन पर जाकर के फौर्म 26 एएस को चेक कर सकते हैं.
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देरी से ITR फाइल करने के नियमों में हुआ बदलाव
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देरी से रिटर्न फाइल करने के नियमों में काफी बदलाव किया है. वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 का अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरना भूल गए हैं तो फिर आपको 5 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. इन दोनों वित्त वर्ष के रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 है.
फाइनेंस एक्ट में किए गए हैं ये बड़े बदलाव
वित्त मंत्रालय ने आईटीआर फाइल करने को लेकर फाइनेंस एक्ट 2016 में कई तरह के बदलाव किए हैं. सेक्शन 139 (4) के मुताबिक अब टैक्स पेयर केवल वित्त वर्ष की समाप्ति के एक साल बाद का ही रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
पहले टैक्सपेयर दो साल पुराना रिटर्न भी फाइल कर सकते थे. इस हिसाब से देखा जाए तो फिर जिन लोगों ने मार्च 2017 तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है उनको केवल 31 मार्च 2018 तक ही रिटर्न फाइल करने का समय मिलेगा. अगर 31 मार्च के बाद रिटर्न फाइल किया तो सेक्शन 271एफ के अनुसार 5 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.