इलैक्ट्रिक वाहन भविष्य की परिवहन व्यवस्था का हिस्सा नजर आ रहे हैं. ईंधन की बढ़ती कीमत और वाहनों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि से ईंधन अब बड़ी समस्या बन रहा है. इन दिनों सामान्य चल रही तेल की कीमत विश्व बाजार में पहले 120 डौलर प्रति बैरल तक के स्तर तक पहुंच चुकी है. इस छलांग को ईंधन की कमी के कारण भविष्य में उस की तीव्र कीमत का संकेत माना जा सकता है और इस से सबक लेते हुए वैकल्पिक ऊर्जा पर ध्यान दिया जाना चाहिए. इस दृष्टि से अक्षय ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है और इलैक्ट्रिक वाहन उस का हिस्सा हैं.

इलैक्ट्रिक वाहनों में ई-रिकशा सब से कामयाब साबित हुआ है. बैटरी बसें कम दूरी के लिए अच्छी विकल्प बन रही हैं और ई-आटो भी नागपुर जैसे शहरों में सुविधाजनक साबित हो रहे हैं.

टाटा मोटर्स ने अब लंबी दूरी के लिए ई-बसों का परीक्षण चंडीगढ़ तथा शिमला में सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अब असम में राज्य परिवहन निगम के साथ किया है. ये इलैक्ट्रिक बसें 26 से 34 यात्रियों की क्षमता वाली हैं. इन बसों की लंबाई 9 मीटर है. ये बसें एक बार चार्र्ज की गई बैटरी से 160 किलोमीटर तक चल सकती हैं.

टाटा मोटर्स देश में पहली बस निर्माता कंपनी है जिस ने ई-बसों का परीक्षण सफलता से पूरा किया है. ई-बसों के सड़कों पर उतरने से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा और सस्ती दर पर बसों का संचालन किया जा सकता है.

ई-रिकशा एक तरह की क्रांति साबित हुई है और अब ई-बसों के भी इसी तरह से सफल होने की उम्मीद की जा सकती है.

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