तमाम विरोधों को नजरअंदाज करते हुए भारत सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(एसबीआई) को वैश्विक स्तर का बैंक बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठा दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एसबीआई के 5 सहयोगी बैंकों के एसबीआई के साथ विलय की घोषणा कर है. उन्होंने कहा कि विलय की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है और इसमें विरोध कर रहे कर्मचारियों का कोई नुकसान नहीं होगा. हालांकि बैंक कर्मचारी यूनियन इस फैसले के खिलाफ लगातार विरोध जता रहे हैं.

दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने बैंकों के सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक लिमिटेड (बीएमबी) के एसबीआई में विलय के प्रस्ताव को पहले ही कैबिनेट ने पास कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन बैंकों के एसबीआई के साथ विलय का सही रिजल्ट कुछ सालों में मिलेगा.

कैबिनेट स्तर पर लिया गया विलय का फैसला

इससे एसबीआई निदेशक मंडल ने भारतीय महिला बैंक समेत 5 एसोसिएट बैंकों के एसबीआई में विलय को पिछले महीने ही मंजूरी दे दी थी, निदेशक मंडल ने विलय को मंजूरी देते हुए कहा था कि इसमें मौजूदा कर्मचारियों के हितों को ध्यान रखा गया है और कर्मचारियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. जेटली ने सार्वजनिक बैंकों (पीएसयू) के पहली तिमाही के नतीजे की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक के दौरान विलय को अंतिम रूप देने की बात कही. वित्त मंत्री की मानें सरकार ने विलय के प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला मंत्रिमंडलीय स्तर पर किया है.

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