बौलीवुड एक्टर और कौमेडियन संजय मिश्रा को कौन नहीं जानता. उनके नाम से तो बच्चा बच्चा वाकिफ है. संजय के पिता शम्भुनाथ मिश्रा पेशे से जर्नलिस्ट थे जबकि उनके दादा डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट थे. बिहार के दरभंगा में जन्मे सजंय जब 9 साल के थे तो उनका परिवार वाराणसी में रहने चला आया. संजय ने अपनी शिक्षा वाराणसी से केंद्रीय विद्यालय बीएचयू कैंपस से की. उसके बाद उन्होंने बैचलर की डिग्री पूरी करने के बाद राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल में प्रवेश किया और 1989 में स्नातक हो गए.

संजय मिश्रा ने टीवी सीरियल 'चाणक्य' से अभिनय की शुरुआत की. संजय ने 2006 में लगातार एक के बाद एक एक सुपरहिट फिल्मों में काम किया, जिसमें 'गोलमाल : फन अनलिमिटेड' और 'धमाल' मुख्य रूप से शामिल है. इसके अलावा संजय को 2015 की एक और हिट फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में काम करने का मौका मिला. संजय इसी साल रिलीज हुई फिल्म 'बादशाहो' में भी अहम भूमिका में नजर आ चुके हैं.

पिछले साल मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में संजय ने बताया था कि उनके पिता की मौत के बाद वह ऋषिकेश चले गए, जहां वह एक ढाबे पर काम करते थे और आमलेट बनाते थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि एक वक्त ऐसा था कि वह काफी बीमार पड़ गए थे और उन्हें अस्पलात में भर्ती भी होना पड़ा था. उन्होंने बताया कि उनके पेट से 15 लीटर मवाद निकाला गया था.

संजय के ठीक होने के 15 दिन के बाद उनके पिता की मौत हो गई, जिसके बाद वह अंदर से काफी टूट गए और दोबारा मुंबई जाना नहीं चाहते थे. इसलिए वह ऋषिकेश चले गए और वहां उन्होंने एक ढाबे पर काम करना शुरू कर दिया. इस ढाबे में वह आमलेट बनाने का काम किया करते थे. उन्होंने बताया कि ढाबे का मालिक उन्हें नहीं पहचान पाया था, लेकिन कुछ लोग जो ढाबे पर खाने आते थे वह उनसे पूछा करते थे कि 'गोलमाल' में आप ही थे ना.

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