राजनीतिक परिवार से जुड़े रहे भानु प्रताप सिंह ने बतौर सहायक निर्देशक बौलीवुड में कदम रखा था और अब भानु प्रताप सिंह स्वतंत्र निर्देशक की हैसियत से फिल्म ‘‘भूत-पार्ट वन द हंटेड शिप’’ लेकर आ रहे हैं.

सवाल. फिल्म की कहानी का बीज कहां से मिला?

बतौर सहायक निर्देशक काम करने के दौरान मैंने कुछ पटकथाएं लिखी थीं. मैं एक फिल्म की पटकथा पर पंजाबी भाषा में फिल्म बनाने जा रहा था. लेकिन मेरे दोस्त और निर्देशक शशांक खेतान ने कहा कि मैं उनके साथ बतौर सहायक काम करुं. शशांक खेतान के साथ बतौर सहायक काम करने के दौरान ही मैंने फिल्म ‘‘भूत पार्ट वन द हॉन्टेड शिप’’ की कहानी लिखी.

इस फिल्म की कहानी का बीज मुझे 2011 में मुंबई के जुहू बीच से मिला. वास्तव में 2011 में विस्डम नामक एक जहाज भटकते हुए जुहू समुद्र के तट पर आ लगा था. लोगों के बीच इसे देखने की उत्सुकता जागृत हो गई थी. तो मैं भी पहुंच गया था. शिप की लंबाई देख मैं चौक गया. फिर मेरे दिमाग में सवाल उठा कि अचानक कोई शिप/जहाज यहां कैसे आ सकता है. क्योंकि इस शिप पर कोई भी इंसान नहीं था. तो मुझे लगा कि इस पर एक बेहतरीन फिल्म बनाई जा सकती है. उसके बाद मैंने शिप को लेकर रिसर्च वर्क किया. मैने पाया कि इस दस मंजिला शिप के अंदर 300 कमरे हैं. तो इसके अंदर हम एक बेहतरीन हॉरर कहानी को जन्म दे सकते हैं. यदि कोई इंसान इसके अंदर सबसे निचली दसवीं मंजिल पर फंस जाए और उसके पीछे भूत पड़ जाए तो वह कैसे बाहर निकलेगा. इसी सोच के साथ मैंने एक कहानी लिखी. जिसे मैंने शशांक खेतान और करण जौहर को सुनाई. उन्हें कहानी पसंद आ गई तो फिल्म बन गई.

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