2016 में कश्मीर के उरी क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद 29 सितंबर 2016 में पाक स्थित आतंकवादियों व उनके अड्डों को सर्जिकल स्ट्राइक करके नष्ट करने वाले भारतीय सेना के वीर जांबाज सैनिकों को फिल्म ‘‘उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक’’ एक बेहतरीन ट्रिब्यूट है. दर्शकों को उनकी सीट से बांधे रखकर उनके अंदर उत्साह और देशभक्ति का जज्बा भी जगाती है. राजनीतिक स्तर पर भी यह एक बेहतरीन फिल्म है, जिसे कट्टर बौलीवुड फिल्म की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.

2016 के उरी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा सितंबर 2016 में पाक अधिकृत कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के सत्य घटनाक्रम पर आधारित फिल्म ‘‘उरीः द सर्जिकल स्ट्राइक’’ की कहानी पांच अध्यायों में विभाजित कर सुनाई गयी है. पर कहानी के केंद्र में मेजर विहान शेरगिल (विक्की कौशल)हैं.

प्रथम अध्याय जून 2015 में मेजर विहान के नेतृत्व में मणिपुर क्षेत्र के आतंकवादी अड्डों को खत्म करने की कहानी है, जिसके बाद प्रधानमंत्री (रजित कपूर) व एनएसए प्रमुख गोविंद (परेश रावल) इन वीर जवानों के सम्मान में रात्रि भोज देते हैं और वहां पर अपनी मां (स्वरुप संपत) की अल्माइजर की बीमारी के चलते सेना से अवकाश लेने की बात मेजर विहान शेरगिल करते हैं, तो प्रधानमंत्री सलाह देते है कि वह दिल्ली में ही सेना मुख्ययालय में आ जाएं. इस तरह वह सेना में बने रहते हुए अपनी मां के साथ रह सकेंगे और उनकी मां की देखभाल के लिए सरकार की तरफ से एक नर्स दी जाती है.

बाद में पता चलता है कि यह नर्स वास्तव में सेना की ही अफसर पल्लवी शर्मा (यामी गौतम) है, जिसे विहान के परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर नर्स बनाकर रखा गया था. कहानी आगे बढ़ती है और एक आतंकवादी हमले में मेजर विहान शेरगिल के बहनोई कैप्टन करण कष्यप (मोहित रैना) शहीद हो जाते हैंं. इसके बाद उरी पर सेना के उपर आतंकवादी हमला होता है और 19 भारतीय सैनिक शहीद हो जाते हैं. तब प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री व एनएसए प्रमुख मिलकर सर्जिकल स्ट्राइक करने का निर्णय लेते हैं. इस काम को अंजाम देने का नेतृत्व विहान शेरगिल को मिलता है. मेजर विहान शेरगिल, मणिपुर व आसाम की बटालियन के बीस सदस्यों के अलावा कैप्टन सरताज के साथ मिलकर चार दल बनाते हैं. वह अपने वायुसेना के विमान का पायलट, वायुसेना की ही ऐसी पायलट सीरत कौर (कीर्ति कुल्हारी) को चुनते हैं, जिस पर जांच चल रही है. पर उसे सही अर्थ में अपनी वीरता दिखाने का अवसर नही मिल पाया. अंत में सर्जिकल स्ट्राइक सफलतापूर्वक अंजाम दी जाती है.

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