अमेरिका के ‘‘स्टेल्ला एडलर एक्टिंग’’ स्कूल में तीन वर्ष तथा शेक्सपियर एंड कंपनी से दो वर्ष का प्रशिक्षण लेकर लौटे नवसारी, गुजरात निवासी देशिक वांसदिआ अब विलियम शेक्सपियर के नाटक पर ही अंग्रेजी भाषा में एक नाटक ‘‘द टेमिंग आफ द श्रेव’’ का मंचन मुंबई में ही करने जा रहे हैं.

इस नाटक में आज के समाज में चल रहे पुरुष व महिलाओं के समान अधिकार की बात की गयी है. इस नाटक में नया प्रयोग किया जा रहा है कि इसमें महिला पात्र पुरुष और पुरुष पात्र को महिलाएं निभा रही हैं. इस नाटक का मंचन मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, बंगलुरू व राजस्थान के कई शहरों में होगा.

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नाटक ‘‘द टेमिंग आफ द श्रेव’’ के निर्देशक देशिक वांसदिआ खुद ही इस नाटक में ‘श्रू’’ की मुख्य भूमिका निभाने वाले हैं. इस नाटक के संबंध में जब देशिक वासंदिआ से बात हुई, तो उन्होंने कहा, हम महिला व पुरुषों की समानता की बात करते हैं. लेकिन जब आज कोई लड़की आधुनिक ड्रेस पहनकर बाहर निकलती है, तो पुरुष उसको लेकर गलत बातें करने लगते हैं.

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लोग उस लड़की को बिगड़ी हुई लड़की कहने लगते हैं. पर इस तरह की बातों के पीछे ‘पावर’ ही अहमियत रखती है. पुरुष या महिला, जिसके पास कोई न कोई ‘पावर’ होता है, वह अपने उस पावर के बल पर दूसरों को नीचा दिखाने का काम करते हैं. जबकि हकीकत में कोई बड़ा या छोटा नही होता. इसी बात को हम इस नाटक में पेश कर रहे हैं. नाटक की भाषा विलियम शेक्सपियर वाली अंग्रेजी ही है. उसमें जो भाव, रस व कविता है, वह आज की अंग्रेजी में नही है.’’

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देशिक वांसदिआ लंबे समय तक अमेरिका के लौस एंजिल्स शहर में रह कर शेक्सपियर के नाटकों का हिस्सा रहे हैं. लौस एंजिल्स में रहते हुए रोमियो एंड ज्यूलिएट के प्रोडक्शन में रोमियो का किरदार निभाया. फिर शेक्सपियर के मुरीद बनकर कई नाटकों में अभिनय करते हुए विश्व भर में कई शो किए. मुंबई वापस आने के बाद वह नाटकों, विज्ञापन, फिल्मों, टीवी सीरियल आदि से जुड़े रहे.

शेक्सपियर की 400वीं पुण्यतिथि पर आल इंडिया रेडियो के लिए उन्होंने अंग्रेजी नाटक ‘मेसर फार मेसर’ का निर्देशन किया. इस नाटक में एक साधु एक लड़की पर मोहित हो जाता है. देशिक वांसदिआ का सर्वाधिक चर्चित नाटक है- ‘‘द ब्वाय हू स्टाप्ड स्माइलिंग”, जिसके कई शो मुंबई के पृथ्वी थिएटर व एनसीपीए में भी हो चुके हैं.

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