‘गुमराह’व ‘सावधान इंडिया’जैसे सीरियलो,‘यह है पैरा नाॅर्मल इश्क; और ‘तोरबाज’जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुकी अदाकारा स्नेहा नमानंदी इन दिनों  सीरियल ‘बड़े अच्छे लगते है’के दूसरे सीजन में नजर आ रही हैं. तो वही वह पशु प्रेमी भी हैं. हाल ही मेंउ न्होने अपने पालतू जानवर माउ और मिगु एल के साथ अंतर्राष्ट्रीयकुत्ता दिवस मनाया. वह कहती हैं-‘‘लोगों को पालतू जानवरों के महत्व को समझने की जरूरत है.

चार पैरों वाले पालतू जानवर बात नहीं कर सकते, इसलिए हमें उनके प्रति अधिक प्यार और देखभाल करने की आवश्यकता है. बहुत से लोग अपने जीवन में पालतू जानवरों और कुत्तों के मूल्य को नहीं समझते हैं क्योंकि उनके पास एक नहीं है. खैर, कभी-कभी यह उन लोगों के लिए भी सच होता है जिनके पास पालतू जानवर होते हैं.मेरी राय में हम कुत्तों / पालतू जानवरों जानवरों को नहीं चुनते हैं,बल्कि वह हमें चुनते हैं.

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यही आपके जीवन में सबसे भाग्यशाली चीज है.अगर वास्तव में एक कुत्ता आपके जीवन में आता है,तो यह अच्छी बात है.’’स्नेहा नमानंदी आगे कहती हैं- ‘‘पालतू जानवर बड़े होकर हमारे जैसे बन जाते हैं.अगर हम चिंतित होते हैं ,तो वह भी चिंतित हो जाते हैं.

अगर हम दुखी होते हैं,तो वह दुखी हो जाते हैं.इसलिए मैं हमेशा खुश रहने और उनके चारों ओर मुस्कुराने की कोशिश करती हूं. मुझे लगता है कि हर कोई जो खर्च कर सकता है उसके पास एक पालतू जानवर होना चाहिए.वह अपने मालिक की मदद करते हैं.आप प्यार, जिम्मेदारी और मानवता के मूल्य को समझते हैं.‘‘

स्नेहा नमानंदीप शुक्रूरता के सख्त खिलाफ हैं.वह कहती हैं-‘‘यह न केवल मानव में है बल्कि यह सिर्फ दयनीय है … जानवरों की भलाई और कल्याण के लिए, हम वास्तव में दान कर सकते हैं.जानवरों की भलाई के लिए काम करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और समूह को दिए गए इस पैसे को भी अनिवार्य किया जाना चाहिए.

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मैं आवारा जानवरों को भोजन खिलाने की दिशा में अपनी पहल जारी रखूंगी.मुझे पता है कि बहुत से लोग कुत्तों से डरते हैं. ऐसे लोगों को लेकर मैं कुछ नही कह सकती.लेकिन अगर वह चाहें तो उनका यह डर खत्म हो सकता है.उन्हें कुत्तों पर भरोसा करना होगा.

कोई भी जानवर अपनी तरफ से किसी को भी नुकसान पहुंॅचाने की पहल नही करता.वह तो बिना शर्तप्यार चाहते हैं. मनुष्यों के विपरीत उनके दिल में कोई शिकायत याद्वेष नहीं है.मेरी राय में जिन परिवारों में बच्चे हैं,उन्हें एक कुत्ते को गोद लेना चाहिए.वह बच्चों को मजबूत और जिम्मेदा रबनाते हैं. ’’

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