2024 में प्रदर्शित बड़े बजट की दो फिल्मों के बौक्स औफिस पर बुरी तरह से घुटने टेकने के बाद बौलीवुड में हाहाकार मचा हुआ है लेकिन फिल्म के निर्माता और उन की पीआर टीम सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है. मई माह के दूसरे सप्ताह 10 मई को दीपक तिजोरी निर्मित व निर्देशित फिल्म ‘तिप्सी’ के अलावा तुशार हीरानंदानी निर्देशित फिल्म ‘श्रीकांत’ प्रदर्शित हुई. दोनों फिल्में अपनी लागत वसूलने में असफल रहीं जबकि अमरजीत निर्देशित और गिप्पी ग्रेवाल, गिप्पी के बेटे शिंडा ग्रेवाल व हीना खान के अभिनय से सजी पंजाबी फिल्म ‘शिंडा शिंडा नो पापा’ ने साढ़े 6 करोड़ कमा लिए. जबकि सभी को पता है कि पंजाबी फिल्मों का बजट काफी कम होता है. कहा जा रहा है कि ‘शिंडा शिंडा नो पापा’ ने तो कमाई में रिकौर्ड बना डाला.
तुशार हीरानंदानी निर्देशित फिल्म ‘श्रीकांत’ मशहूर बोलांत इंडस्ट्रीज’ के मालिक व जन्म से ही अंधे श्रीकांत बोला की बायोपिक फिल्म है. इस फिल्म में श्रीकांत बोला का किरदार राजकुमार राव ने निभाया है. इस के अलावा अन्य कलाकारों में ज्योतिका, अलाया एफ, शरद केलकर, जमाल खान जैसे कलाकारों का समावेश हैं.
फिल्म की लागत लगभग 50 से 60 करोड़ रूपए है, मगर यह फिल्म बौक्स औफिस पर महज 17 करोड़ 85 लाख रूपए ही एकत्र कर सकी, जिस में से निर्माता के हाथ में बामुश्किल 6 से 7 करोड़ ही आएंगे. वैसे निर्माता का दावा है कि उन की फिल्म ने पूरे 7 दिन में 23 करोड़ कमा लिए. यदि निर्माता की बात सच मान लें, तो भी निर्माता के हाथ में मुश्किल से 8 से 9 करोड़ ही आएंगे. कुल मिला कर यह फिल्म बौक्स औफिस पर बुरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.
तुशार हीरानंदानी निर्देशित फिल्म ‘श्रीकांत’ की कहानी प्रेरणा दायक है. इंटरवल से पहले फिल्म अच्छी है, इंटरवल के बाद फिल्म जरुर थोड़ा गड़बड़ा गई है. मगर राज कुमार राव अपने अभिनय के बल पर दर्शकों को सिनेमाघरों तक नहीं खींच पाए. जबकि फिल्म के निर्माता ने लगातार दो दिन तक दोतीन अंगरेजी के बड़े अखबारों व सोशल मीडिया पर पूरे पेज के विज्ञापन छापे, जिस में फिल्म आलोचकों व उन के अखबार व पत्रिका के नाम के साथ बताया गया कि किस ने इस फिल्म को 4 से 5 स्टार दिए. मगर निर्माता के साथ साथ राज कुमार राव व फिल्म के सभी कलाकारों की गलती यह रही कि फिल्म के प्रदर्शन से पहले फिल्म को ठीक से प्रचारित नहीं किया.
फिल्म के पीआर ने दावा किया था कि कलाकार के पास ज्यादा पत्रकारों से बात करने के लिए समय नहीं है. सिर्फ ट्रेलर लांच व सांग लांच में पूरे प्रेस को बुलाया गया था. उस के बाद यह निर्माता व पीआर सिर्फ सोशल मीडिया के भरोसे रह कर फिल्म को डुबा दिया. यदि फिल्म का ठीक से प्रचार किया जाता तो यह फिल्म न डूबती. इस के बावजूद राज कुमार राव अभी भी हवा में उड़ रहे हैं और अपनी 31 मई को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेस’ (फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेस’ के निर्माता करण जोहर तो कैमरे पर कबूल कर चुके हैं कि वह पत्रकारों को पैसा दे कर स्टार खरीदते हैं) के लिए भी ठीक से प्रचार नहीं कर रहे हैं.
जबकि कुछ दिन पहले ही मुंबई के ‘मराठा मंदिर’ और ‘जी 7’ मल्टीप्लैक्स के मालिक मनोज देसाई, फिल्म वितरक राठी सहित कई लोग खुल कर अखबारों में बयान दे चुके हैं कि इन कलाकारों को पहले की तरह पत्रकारों के साथ बात करना चाहिए, इंटरव्यू देने चाहिए. तभी फिल्म इंडस्ट्री बच सकेगी.
बौलीवुड की हालत ‘भैंस के आगे बीन बजाओ, भैंस खड़ी पगुराय…’ जैसी है. बहरहाल, बौलीवुड में हालात ऐसे हैं कि आप यह नहीं कह सकते कि फिल्म का निर्माता, फिल्म के कलाकार और उन के पीआरओ आखिर क्या साबित करने पर तुले हुए हैं.
तो वहीं 10 मई को ही दीपक तिजोरी की फिल्म ‘तिप्सी’ भी प्रदर्शित हुई, जिस में दीपक तिजोरी के साथ ही अलंकृता जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है. इस फिल्म का भी प्रचार ठीक से नहीं हुआ. खुद दीपक तिजोरी ने भी फिल्म के प्रचार के लिए कुछ नहीं किया. परिणामतः यह फिल्म एक करोड़ भी नहीं कमा सकी.
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