विदेश भाग रही भारतीय प्रतिभाओं को रोकने अथवा विदेश जा चुकी भारतीय प्रतिभाओं के भारत वापसी की बात करने वाली कुछ फिल्में बनायी जा चुकी हैं. मगर निर्देशक निरंजन भारती अपनी पहली फिल्म ‘‘सबरंग’’ में विदेश भाग रही भारतीय प्रतिभाओं की मनःस्थिति का चित्रण करते हुए अपने वतन भारत की बजाय विदेश को चुनने की वजहों पर रोशनी डाली है.

उनका दावा है कि इस फिल्म को देखकर युवा पीढ़ी सोचने पर मजबूर हो जाएगी कि उन्हें विदेश जाने की बजाय क्यों भारत में रहकर ही काम करना चाहिए.

फिल्म ‘‘सबरंग’’ की चर्चा चलने पर खुद निरंजन भारती कहते हैं- ‘‘यूं तो हमारी फिल्म ‘‘सबरंग’’ एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है. मगर हमने एक ऐसे ज्वलंत मुद्दे को भी उठाया है, जो कि युवा पीढ़ी से संबंधित है. हम देख रहे हैं कि आज की युवा पीढ़ी इंजीनियरिंग, डाक्टरी या कम्प्यूटर साइंस में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद वह अपने उज्जवल व अति बेहतर भविष्य की बात सोचकर भारत में काम करने की बजाय विदेश भागते हैं. आखिर वह ऐसा क्यों करते हैं? हमने फिल्म में इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने का प्रयास किया है. हमने फिल्म की कहानी इस तरह से गढ़ी है कि फिल्म देखकर युवा पीढ़ी विदेश जाने की बजाय भारत में ही रहकर काम करने पर विचार करेगी.’’

मूलतः रांची निवासी निरंजन भारती पिछले नौ वर्षों से बौलीवुड में सक्रिय है. बतौर सहायक निर्देशक वह कई सफल सीरियल व फिल्मों से जुड़े रहे हैं. वह कई लघु फिल्में व डाक्यूमेंट्री फिल्में भी बना चुके हैं. स्वतंत्र निर्देशक के रूप में “सबरंग”  उनकी पहली फिल्म है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...