शास्त्रीय संगीत के महान गायक पंडित जसराज का नब्बे वर्ष की उम्र में अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित उनके अपने घर में सोमवार 17 अगस्त को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 5:15 बजे हार्ट अटैक से देहांत हो गया.मेवाती घराने के पंडित जसराज पद्माश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण सहित तमाम पुरस्कारों/ उपाधियों से नवाजे जा चुके थे.उनका अंतिम संस्कार कहां किया जाएगा ,यह तय नहीं है .सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय तथा केंद्र सरकार सोच रही है कि पंडित जसराज का पार्थिव शरीर अमेरिका से भारत लाया जाए और भारत में पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार संपन्न हो. पंडित जसराज के निधन की खबर लोगों को उनकी बेटी दुर्गा जसराज ने ही सबसे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई के माध्यम से बताई थी.

28 जनवरी 1930 को हिसार, हरियाणा जन्मे पंडित जसराज का 80 वर्ष का संगीत कैरियर रहा.उन्होंने शास्त्रीय और सेमी क्लासिक गायन के क्षेत्र में जो मुकाम बनाया था, वह  बिरले गायकों के हिस्से आया है .पंडित जसराज ने भारत के अलावा कनाडा और अमेरिका में भी लोगों को संगीत की शिक्षा दी.पंडित जसराज ने सप्त ऋषि चक्रवर्ती, संजीव अभय शंकर, कलारामनाथ, तृप्ति मुखर्जी, सुमन घोष, शशांक सुब्रमण्यम, अनुराधा पोडवाल, साधना सरगम और रमेश नारायण को भी संगीत की शिक्षा दीपंडित जसराज ने 'भारतीय शास्त्रीय संगीत' के मुंबई के अलावा केरल, न्यूजर्सी, अटलांटा, टाम्पा,  वान कुबेर,  टोरंटो, पित्तस वर्ग  में स्कूल खोलें. 90 वर्ष की उम्र में भी वह कुछ अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को 'स्काइप' के माध्यम से संगीत की शिक्षा दे रहे थे.

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