बौलीवुड में शुरू से ही कमतर अभिनय प्रतिभा के बावजूद वह कलाकार हमेशा सर्वाधिक व्यस्त नजर आते रहे हैं, जिनमें अच्छे इंसान के गुण रहे हैं. जो फिल्मकारों व सह कलाकारों के साथ अच्छे ढंग से व्यवहार करते रहे हैं. मगर इन दिनों तो जरा सी शोहरत पाते ही कलाकार खुद को खुदा समझ कर दूसरों पर निम्न स्तर का कीचड़ उछालने लगते हैं, परिणामतः प्रतिभाशाली होते हुए भी इनकी फिल्में बाक्स आफिस पर मुंह के बल गिर रही हैं.

इसका ताजातरीन उदाहरण कंगना रानौट हैं. कंगना ने फिल्म ‘‘रंगून’’ के समय कुछ लोगों को गालियां बकी, उसके बाद इस फिल्म ने बाक्स आफिस पर पानी नही मांगा. फिर कुछ दिन पहले अपनी फिल्म ‘‘सिमरन’’ को प्रमोट करते हुए कंगना और उनकी बहन रंगोली ने जिस तरह से अति निचले स्तर पर उतरते हुए दूसरों पर कीचड़ उछाला, उसके बाद ‘सिमरन’ का बाक्स आफिस पर बहुत बुरा हश्र हुआ. बौलीवुड में कहा जा रहा है कि यदि कंगना ने अपने आपको नही सुधारा, तो वह दिन दूर नहीं, जब उनका करियर खत्म हो चुका होगा.

बौलीवुड में आम चर्चाएं यह भी है कि गोविंदा का करियर भी उनके गलत व्यवहार की वजह से डूबा. जब तक गोविंदा में विनम्रता रही, तब तक उनका करियर उंचाईयों पर जाता रहा, पर जैसे ही वह अहम के शिकार होकर लोगों के साथ बदतमीजी करने पर उतारू हुए, वैसे ही उनके करियर का पतन शुरू हो गया. कुछ समय तक गुमनामी में रहने के बाद खुद बतौर निर्माता व अभिनेता फिल्म ‘‘आ गया हीरो’’ से पुनः वापसी की, तो उन्होने पुनः वही गलतियां दोहरायी. गोविंदा ने अपनी फिल्म ‘‘आ गया हीरो’’ को प्रमोट करते हुए निर्देशक डेविड धवन व अभिनेता वरूण धवन के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली. उस वक्त डेविड धवन व उनके बेटे वरूण धवन चुप रहे. मगर जब फिल्म ‘‘आ गया हीरो" प्रदर्शित हुई, तो बाक्स आफिस पर यह फिल्म चारों खाने चित हो गयी.

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