‘दिलवाले’ तथा ‘‘फैन’’ ने जिस तरह से बाक्स आफिस पर दम तोड़ा है, उससे तमाम वितरक शाहरुख खान की फिल्म को रिलीज करने का जाखिम उठाने से बच रहे हैं, जिसके चलते शाहरुख खान की फिल्म ‘‘रईस’’ की रिलीज का मामला अधर में लटका हुआ है. उधर गौरी शिंदे की भी समझ में नही आ रहा है कि शाहरुख खान व आलिया भट्ट को लेकर उन्होने जिस फिल्म का निर्देशन किया है, उसे वह कब रिलीज करें. इतना ही नहीं ‘फैन’ के रिलीज के बाद शाहरुख खान को कोई नई फिल्म नहीं मिली है और न ही शाहरुख खान ने अब तक खुद अपने बैनर की नई फिल्म शुरू करने की घोषणा ही की है.
ऐसे में भी आनंद एल राय को शाहरुख खान की प्रतिभा पर भरोसा है. वह शाहरुख खान को एक बौने की भूमिका में लेकर रोमांटिक फिल्म की योजना पर काम कर रहे हैं. फिलहाल राय के सितारे बुलंदी पर हैं. ‘तनु वेड्स मनु‘, ‘रांझणा’ और ‘तनु वेड्स मनु’ जैसी सफलतम फिल्मों का निर्माण व निर्देशन करने के बाद जब उन्होंने ‘निल बटे सन्नाटा’ का सहनिर्माण किया, तो यह फिल्म भी हिट हो गयी. इससे वह काफी उत्साह में हैं. उनका मानना है कि वह अपनी हर फिल्म को पूरी मेहनत व लगन के साथ बनाते हैं.
हाल ही में जब आनंद एल राय से मेरी मुलाकात हुई, तो मैंने राय से सीधा सवाल किया कि क्या वह स्टार शाहरूख खान के साथ तालमेल बिठा पाएंगे? क्योंकि इससे पहले उन्होने किसी स्टार कलाकार के साथ फिल्म नहीं की है? इस पर राय ने कहा-‘‘आपने एकदम सही कहा. मैंने आज तक अपनी ही दुनिया में,अपने दोस्तों के साथ काम किया है. कभी स्टार के साथ काम नहीं किया है. मगर शाहरुख खान अब तक मेरी जितनी मुलाकातें हुई, उन मुलाकातों में उन्होने भी मुझे दोस्ती वाला अहसास करा दिया है. तो मेरे लिए अपनी कहानी सुनाने के लिए यह अच्छी दुनिया है. पर मैं अपनी कहानी पर बहुत मेहनत कर रहा हूं. उनके अंदर अभी भी दिल्ली वाला लड़का नजर आता है. अब तक उनसे मेरी जितनी मुलाकातें हुई और जितना मैं उनको समझ पाया हूं, उस आधार पर कह सकता हूं कि उनके जैसा बेहतर इंसान मैंने नहीं देखा.’’
यदि शाहरूख खान अपनी जड़ों से जुडे़ हुए हैं. तो फिर यह बात उनकी फिल्मों में नजर नहीं आती. ‘दिलवाले’ या ‘फैन’ के संदर्भ में कहां जाती हुई नजर आती हैं? इस सवाल पर आनंद एल राय ने कहा-‘‘वह बडे़ कलाकार हैं. उनकी बड़ी जिम्मेदारियां हैं. बड़ी रिस्क उठाते हैं. चूक किसी से भी हो सकती है. जब आप किसी बडे़ मुकाम पर होते हैं, तो रिस्क भी उतना ही बड़ा होता है. तो यह चूक भी उनसे ही हो सकती है. वैसे एक फिल्म को लेकर यह कहना कि यह उस कलाकार का गलत का फैसला है, तो यह गलत होगा. बल्कि यह निर्देशक की चूक है. मैंने कहीं पढ़ा था-‘देअर आर नो बैड एक्टर, देअर आर ओनली बैड डायरेक्टर.’ और मैं इसी बात पर यकीन करता हूं. ’’
जब हमने कहा कि क्या स्टारडम का हौव्वा नुकसान पहुंचाता है? तो राय ने भोलेपन के साथ कहा-‘‘मैं कैसे कहूं. स्टार भी वही है. स्टार डम भी उन्ही का है. हौव्वा भी उन्ही का. उठना और गिरना भी उन्ही का. जो स्टार नहीं है, वह स्टारडम के बारे में क्या कहेगा?’’