गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान के जीवन पर आधारित एक किताब ‘कंवरसेशंस विद वहीदा’ पिछले दिनों लौंच की गई. नसरीन मुन्नी कबीर की लिखी किताब का लोकार्पण वहीदा रहमान ने ही किया.
कार्यक्रम के दौरान जब किसी ने उन से फिल्मकार गुरुदत्त की खुदकुशी को ले कर सवाल पूछ डाला तो वे भड़क गईं. सब जानते हैं कि एक समय वहीदा का नाम गुरुदत्त के साथ जोड़ा जाता था. वे गुस्से में बोलीं कि मेरी निजी जिंदगी से किसी को वास्ता नहीं होना चाहिए और जहां तक गुरुदत्त की आत्महत्या का सवाल है तो मुझे नहीं लगता कि फिल्म ‘कागज के फूल’ की असफलता की वजह से वे अवसाद में थे, क्योंकि उस के तुरंत बाद उन्होंने फिल्म ‘चौदहवीं का चांद’ बनाई, जो सुपरहिट हुई.
गौर करने वाली बात यह है कि सालों बाद आज भी वहीदा गुरुदत्त के बारे में खुल कर बोलने से बचती हैं. लेकिन क्या करें, अतीत तो सवालों की शक्ल में बारबार वापस आता ही रहता है.
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