गायक सोनू निगम ने सुबह होने वाली अजान से होते शोर पर एक बयान क्या दिया, धर्म के ठेकेदारों को फिर से अपनी लाठी का जोर दिखाने का मौका मिल गया. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ले कर हमारे देश का इतना तंग नजरिया है कि जरा सी बात पर मजहबों को खतरा महसूस होने लगता है. शायद इसीलिए जब एक धार्मिक नेता ने सोनू का सिर मुंडवाने का फतवा निकाला, तो सोनू ने खुद ही अपना सिर मुंडवा कर सब का मुंह बंद कर दिया. हालांकि इस बीच सोशल मीडिया में जरूर उन की बुरी तरह से ट्रौलिंग हुई. उधर, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी सभी धर्मों से जुड़ा एक वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर इस बहस को हवा देने की निरर्थक कोशिश की. बहरहाल, देश में धार्मिक मसलों पर कट्टरपंथी कुछ ऐसे सक्रिय हैं कि कोई अपनी राय जाहिर करने से पहले दस बार सोचता है. धर्म कोई भी हो, आलोचना व समीक्षाओं का स्वागत होना चाहिए. एक लोकतांत्रिक देश का यही मतलब होता.