उमंग कुमार अपनी फिल्म ‘‘सरबजीत’’ को पाकिस्तान में रिलीज करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने इस फिल्म का निर्माण करते समय पाकिस्तान की जेल में बीस साल तक बंद रहने व प्रताड़ना सहने वाले निर्दोष भारतीय सरबजीत की जिंदगी पर फिल्म बनाते समय पाकिस्तान के खिलाफ कोई बात नहीं की. इसके बावजूद यह फिल्म पाकिस्तान में अब तक रिलीज नहीं हो पायी है और आगे भी इसके रिलीज की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. इस बात का खुलासा पीटीआई से पाकिस्तान सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष मोबाशिर हसन की हुई बातचीत से हुआ है.
हसन ने कहा है-‘‘अभी तक देश की किसी भी वितरक कंपनी ने संपर्क नहीं किया है. पाकिस्तान की व्यवस्था में जब कोई वितरक कंपनी भारतीय फिल्म का आयात या रिलीज करना चाहती है, तो वह सबसे पहले पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्रालय से संपर्क करती है. उसके बाद सेंसर बोर्ड से फिल्म की विषयवस्तु की समीक्षा करने के लिए कहा जाता है. जब सेंसर बार्ड अपनी समीक्षा सूचना प्रसारण मंत्रालय को दे देता है, तब सूचना प्रसारण मंत्रालय की तरफ से वाणिज्य मंत्रालय को सूचना दी जाती है, उसके बाद फिल्म का आयात होता है और वह रिलीज की जाती है. लेकिन अब तक किसी भी वितरक ने ‘सरबजीत’ को लेकर ऐसी कोई मांग नहीं की है.’’