संजय दत्त ने एक समाचार पत्र को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि वे 12 साल नशे के चंगुल में रहे. दुनिया में ऐसा कोई ड्रग्स नहीं है जो उन्होंने नहीं लिया हो.

जब इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपनी मां नरगिस के गुजर जाने के बाद ड्रग्स लेना शुरू किया था. इस पर संजय दत्त ने कहा कि, ” ऐसा नहीं है कि मैंने ये मां के कारण शुरु किया था. मेरा कुत्ता मर गया तो पी रहा हूं, आज मेरा गधा मर गया तो पीउंगा, यह सब बहाने हैं. इन आदतों में आदमी तभी पड़ता है जब वो पड़ना चाहता है और एक बार जब आपको इसकी आदत पड़ जाए तो इससे निकलना बेहद मुश्किल होता है.

ड्रग्स दुनिया की सबसे बुरी चीज है. मुझे 12 साल यह आदत रही है. दुनिया में ऐसा कोई ड्रग्स नहीं जो मैंने ना लिया हो. जब मेरे पिता मुझे  रीहैबिलिटेशन (सुधार गृह) ले गए तो उन्होंने मुझे एक लिस्ट दी जिसमें ड्रग्स के नाम थे तो मैंने सारे ड्रग्स के आगे टिक किया था क्योंकि मैंने सारे लिए थे.

तब डॉक्टर ने पिताजी से था, ” भारत में तुम किस तरह का खाना खाते हो, इसने जिस मात्रा में ड्रग्स लिया है अब तक इसे मर जाना चाहिए था.” उन्होंने आगे कहा, मैंने इसलिए ड्रग्स लेना नहीं छोड़ा क्योकि मेरा परिवार चाहता था मैंने इसलिए छोड़ा क्योंकि मैं स्वयं इससे बाहर निकलता चाहता था.

ड्रग्स छोड़ते समय एक पार्ट होता है फिजिकल, आपका शरीर बिना ड्रग्स के टूटने लगता है आपको ठंड लगने लगती है. लेकिन सबसे मुश्किल पार्ट होता मानसिक जब आपका दिमाग कहता है अब तो तू ठीक हो गया एक बार मार लेते हैं, यही वो समय है जब आपको विलपावर दिखानी पड़ती है. मैं नौजवानों से कहता हूं अपने काम से प्यार करो, अपने परिवार से प्यार करो, यह कोकीन से ज्यादा बेहतर है.

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