हिंदी फिल्मों को इन दिनों क्षेत्रीय सिनेमा से गुणवत्ता के मामले में जोरदार टक्कर मिल रही है. इस मामले में मराठी फिल्मों की चर्चा ज्यादा होती है. ज्यादा समय नहीं हुआ जब नाना पाटेकर की ‘नट सम्राट’ फिल्म ने मराठी जगत और उस के बाहर जम कर धूम मचाई थी और अब मराठी भाषा की फिल्म ‘सैराट’ भी कामयाबी के नए झंडे गाड़ रही है. मराठी फिल्में हमेशा से ही सामाजिक सिनेमा की सरोकारी करती आई हैं. सो, कम साधनों और छोटे बजट में भी गुणवत्तापूर्ण फिल्में कैसे बनाई जाती हैं, मराठी फिल्ममेकर्स से सीखा जा सकता है.
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