मशहूर गायिका मुबारक बेगम का लंबी बीमारी के बाद 76 साल की उम्र में सोमवार रात को निधन हो गया. उनका निधन मुंबई के जोगेश्वरी स्थित अपने घर में सोमवार रात साढ़े नौ बजे हुआ था.

मुबारक बेगम को 1950 से 1970 के दौरान हिंदी सिनेमा जगत में शानदार योगदान के लिए याद किया जाता है. मुबारक बेगम ने 50 के दशक में अपने करियर की शुरुआत रेडियो से की थी. लेकिन जल्दी ही वो फिल्मों में गाने लगीं, तब लता मंगेशकर भी अपने करियर की शुरुआत कर रही थीं. मुबारक बेगम बड़े-बड़े म्यूजिक डायरेक्टरों से लेकर मोहम्मद रफी तक के साथ काम कर चुकी थीं.

राजस्थान की रहने वाली मुबारक बेगम को बड़ा ब्रेक फिल्म मधुमति के गाने 'हाले दिल सुनाइए से…' मिला. फिल्म उस दौर में हिट साबित हुई. किरदार शर्मा की फिल्म 'हमारी याद आएगी' से उन्हें शोहरत मिली और इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक नगमे इंडस्ट्री को दिए.

मुबारक ने हमेशा के लिए दिलों में बसने वाले बेहद खूबसूरत गीत दिए जिनमें 'हमारी याद आएगी' का गीत 'कभी तन्हाइयों में हमारी याद आएगी..' हमराही का 'मुझको अपने गले लगा लो..' खूनी खजाना का 'ऐ दिल बता..' डाकू मंसूर का गीत 'ऐजी-ऐजी याद रखना सनम…' शामिल हैं.

आप भी सुनें गीत – 'कभी तन्हाइयों में हमारी याद आएगी…'

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