रील लाइफ और रियल लाइफ में कितना अंतर होता है प्रत्यूषा बनर्जी की मौत से यह एक बार फर से साबित हो गया.झारखंड के जमशेदपुर जिले की रहने वाली प्रत्यूषा बनर्जी को अभिनय करने का शौक पहले से था.कलर्स चैनल ने जब अपने सामाजिक टीवी शो ‘बालिका वधु’ के लिये बडी उम्र की आंनदी की तलाश शुरू कि तो देश भर से तमाम लडकियों ने दावेदारी पेश की.इस समय तक ‘बालिका वधु’ दर्शको का सबसे पंसदीदा शो बन चुका था. अंविका गौड ने बहुत ही दमदार आंनदी का किरदार निभाया था.चैनल के लिये चुनौती थी कि वैसा ही अभिनय करने वाली दूसरी आनंदी तलाश की जाये. ऐसे में प्रत्यूषा बनर्जी ने आनंदी का किरदार पूरी दमदारी से निभाया.दर्शकों के मन में न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि लोग पुरानी आनंदी का किरदार भूल गये. इस तरह 2010 में प्रत्यूषा बनर्जी ने टीवी की दुनिया से अपने सपफर की शुरूआत की.जिस तरह रातोरात प्रत्यूषा बनर्जी आनंदी बन कर लोगों के दिलों पर छा गई ऐसे मौके कम लोगों को मिलते है.आंनदी के रूप में प्रत्यूषा ने बालिका वधु’ में हर कठिन हालात का पूरे साहस से मुकाबला किया.उस समय हर मां को अपने लिये आनंदी की बेटी और हर सास को अपने लिये आंनदी सी बहू की तलाश होने लगी.
24 साल की प्रत्यूषा बनर्जी को जो शोहरत मिली उसके साथ वह खुद को संभाल नहीं पाई. पर्दे के पीछे प्रत्यूषा के समय पर शूटिंग पर न आने, सहायक कलाकारों से अच्छा व्ययहार न करने जैसे तमाम आरोप भी लगने लगे. ‘बालिका वधु’ छोडने के बाद आंनदी की शोहरत का लाभ लेने के लिये प्रत्यूषा को कई शो में काम करने का मौका मिला. इनमें ‘किचन चैम्पियन’, ‘झलक दिखला जा’, ‘बिग बौस 7 सीजन’ और ‘ससुराल सिमर का’ प्रमुख था. टीवी पर लगातार काम करने के बाद भी मुम्बई जैसे शहर में रहने के लिये प्रत्यूषा आर्थिक दबाव में थी.वह मुम्बई में मलाड के पास बांगुरनगर में अपनी मां के साथ किराये के मकान में रहती थी.पर्दे की जिदंगी में मजबूत दिखने वाली प्रत्यूषा निजी जिदंगी में आने वाले दबाव को संभाल नहीं पाई. ब्वायपफ्रेंड मकरंद मलहोत्रा के साथ विवादों के चलते प्रत्यूषा की निजी जिदंगी चर्चा में आई.साल 2013 में प्रत्यूषा ने मकरंद मलहोत्रा के खिलाफ शारीरिक शोषण का मामला भी दर्ज कराया था.
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