Mythological Films : पौराणिक फिल्में हमेशा से भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में बनती रहीं मगर उन का स्केल बहुत बड़ा नहीं होता था, अब उन का स्केल बड़े स्तर पर होने लगा है, आखिर क्या है इस की वजह, जानिए...
फिल्मों का निर्माण जब से शुरू हुआ है तभी से पौराणिक फिल्में बनती आई हैं, फिर चाहे वे ‘रामायण’, ‘महाभारत’ हों या ‘जय संतोषी मां’ या फिर ‘जय बजरंगबली’ ही क्यों न हों. पौराणिक फिल्मों का निर्माण सिर्फ बड़े परदे तक ही सीमित नहीं, छोटे परदे पर भी रामायण और महाभारत पर आधारित सीरियल्स प्रसारित होते आए हैं. ऐसे में इन दिनों ऐसा क्या चमत्कार हो गया कि हर मेकर बिग बजट और बिग स्टार्स के साथ पौराणिक फिल्में बनाने पर आमादा है.
यही नहीं, बॉलीवुड के नामी-गिरामी कलाकार, जैसे रणबीर कपूर, सैफ अली खान, साउथ ऐक्टर यश आदि मोटी रकम ले कर पौराणिक फिल्मों में काम कर रहे हैं. फिल्म मनोरंजन को शक्तिशाली माध्यम मानने वाले फिल्ममेकर्स आजकल भव्य तरीके से पौराणिक फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं.
आज के समय में 500 से 1,000 करोड़ रुपए तक के बजट में पौराणिक फिल्मों का निर्माण हो रहा है और दर्शक भी ऐसी फिल्में देखने को ले कर बेहद उत्सुक रहते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आज की निर्माण की गई पौराणिक फिल्मों में ऐसी क्या खास बात है कि मेकर्स इस तरह की फिल्में बनाने को लेकर बेहद उत्साहित हैं. वहीं, दर्शक भी ऐसी पौराणिक फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं. यहां डालते हैं इसी सिलसिले पर एक नजर.
पौराणिक फिल्मों की ओर दर्शकों का बढ़ता आकर्षण
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन





