सिनेमा का आकर्षण हर युवक युवती को छोटे छोटे गांवों व कस्बों से खींचकर ले आता है. हर दिन सैकड़ों युवक युवतियां बौलीवुड में कुछ बड़ा करने का सपना लेकर पहुंचते रहते हैं. मुंबई पहुंचने के बाद उनके संघर्ष का एक अनवरत सिलसिला चल पड़ता है. यूं तो हिंदी भाषा की फिल्में बनाने वाले बौलीवुड में हर किसी को संघर्ष करना पड़ता है. मगर उत्तर भारत यानी कि उत्तर प्रदेश व बिहार के ग्रामीण इलाकों व छोटे कस्बों में हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण कर बौलीवुड में कुछ बड़ा करने का सपना लेकर आने वालों का यह संघर्ष कुछ ज्यादा ही कठिन व लंबा हो जाता है. इसी कड़ी में हम अभिनेता अहम शर्मा की चर्चा कर सकते हैं.

बिहार के सालिमपुर गांव में जन्में व पले बढ़े अहम शर्मा स्पोर्ट्स मैन बनना चाहते थे. पर उनका यह सपना पूरा न हो पाया. उसके बाद दोस्तों की सलाह पर अभिनय जगत में नाम कमाने के लिए मुंबई की राह पकड़ी. मुंबई में लंबा संघर्ष करने के बाद उन्हें फिल्म ब्लू आरेंज मिली. पर कैरियर में प्रगति नहीं हुई कुछ दूसरे सीरियल मिले पर बात नहीं बनी. लेकिन जब उन्होंने सिद्धार्थ तिवारी निर्मित सीरियल महाभारत में कर्ण का किरदार निभाया तो उन्हें जबरदस्त शोहरत मिली फिर उन्हें अति संजीदा विषय पर चाउ पार्था बोर्गोहेन निर्देशित फिल्म 1962रू माई कंट्री लैंड में हीरो बनने का अवसर मिला.

फिल्म कॉन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखायी गयी. इन दिनों अहम शर्मा अपनी फिल्म धूप छांव को लेकर चर्चा में हैं. सचित जैन निर्मित व हेमंत सरन निर्देशित फिल्म धूप छांव में अहम शर्मा की जोड़ी समीक्षा भटनागर के संग हैं.

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