इन दिनों पूरा विश्व कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है. आरोप लग रहा है कि इस कोरोनावायरस को चीन ने फैलाया है. तो वहीं भारत और चीन की सीमा पर भी तनाव की खबरें हैं. ठीक इसी समय भारत और चीन के बीच तनाव व वायरस की पृष्ठभूमि पर फिल्मकार कंवल सेठी एक जासूसी फिल्म "लंदन कॉन्फिडेंशियल"  लेकर आए हैं.
कहानी:
फिल्म की कहानी लंदन से शुरू होती है. जहां भारतीय जासूसी यानी कि राॉ एजेंटों को पता चलता है कि कोरोना वायरस के बाद चीन भारतीय सीमा पर एक और खतरनाक वायरस से हमला करना चाहता है. इसी बीच यह खबर भी आती है कि लंदन में चीनी दूतावास की तरफ से एक वीरोलॉजी कॉन्फ्रेंस होने जा रही है . एक रॉ एजेंट बीरेन घोष चीनी प्रतिनिधिमंडल के अंदर घुसपैठ बनाकर सारा सच जान लेता है और वह इस सच को अपनी उच्च अधिकारी व रॉ एजेंट उमा कुलकर्णी (मौनी रॉय)तक पहुंचाना चाहता है, वह कुछ संकेत तो भेज देता है. पर पूरा सच  बताने से पहले ही चीन की एम एम यस एजेंसी उसे गिरफ्तार कर लेती है. और उससे जानना चाहती है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल में उसका स्रोत क्या है? वीरेन सच नहीं बताता है और उसकी हत्या कर दी जाती है.
इधर उमा व अर्जुन(पूरब कोहली) अपनी टीम के साथ वीरेन की तलाश में लगे हुए हैं.वीरोलॉजी कॉन्फ्रेंस शुरू होने में 7 दिन बाकी है. उमा को लगता है कि वीरेन के बारे में चीनी एजेंसी तक जानकारी पहुंचाने में  भारतीय दूतावास के किसी अधिकारी का हाथ है .भारतीय दूतावास अधिकारियों जीवन और आजाद के अलावा भारतीय राजदूत निरुपमा(कुलराज रंधावा) के पति शरद दत्ता(सागर आर्य) पर शक जाता है. धीरे धीरे इन तीनों की भी मौत हो जाती है. इससे भारत में बैठे रॉ के जॉइंट सेक्रेटरी आरके गोयल(मोहन कपूर), उमा से नाराज होकर लंदन में अर्जुन को जिम्मेदारी दे देते हैं. पर उमा और अर्जुन अपनी पूरी टीम के साथ काम करके सच पता लगा लेते हैं.
लेखन व निर्देशन:
 
फिल्मकार कंवल सेठी बहुत ही सही समय पर एक समसामयिक विषय पर यह फिल्म लेकर आए हैं. इस वक्त पूरे देश में भारत और चीन के बीच तनाव की वजह से लोगों की भावनाएं भी इस मुद्दे से जुड़ी हुई है. इसके अलावा फिल्मकार ने कसी हुई पटकथा पर  एक बेहतरीन फिल्म बनाई है. मगर लंदन में रॉ एजेंट उमा को गर्भवती दिखाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता. इसके अलावा इसमें रहस्य तो अंत तक बरकरार रहता है, मगर रोमांच और एक्शन का घोर अभाव है.
 
अभिनय:
भारतीय राजदूत के किरदार में कुलराज रंधावा ने शानदार अभिनय किया है .उनकी संवाद अदायगी भी कमाल की है. पर लेखक ने उनके किरदार पर ज्यादा मेहनत नहीं की. मौनी राय ने भी अपने किरदार को ठीक से निभाया है. मगर गर्भवती दिखाकर उनकी अभिनय पर बंदिश लगा दी गई है.रॉ एजेंट को एक्शन करना पड़ता है और शायद मौनी राय एक्शन नहीं करना चाहती होगी, इस कारण उनके किरदार को गर्भवती दिखाया गया.पूरब कोहली ने भी ठीक-ठाक आपने किया है. लेकिन रॉ एजेंट की हैसियत से एक्शन दृश्य करने में पूरब कोहली विफल रहे हैं. अन्य कलाकारों का अभिनय ठीक-ठाक रहा.

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