• रेटिंग: पांच में से एक स्टार
  • निर्माता: किरण श्राफ व नईम सिद्दिकी
  • लेखक: गालिब असद भोपाली
  • निर्देशक: कुषान नंदी
  • कलाकार: नवाजुद्दीन सिद्दकी, नेहा शर्मा, रोहित चौधरी, संजय मिश्रा, विश्वनाथ चटर्जी,  घनश्याम,  महाअक्षय उर्फ मिमोह चक्रवती व अन्य. . .
  • अवधि: दो घंटे एक मिनट

मशहूर गीतकार व षायर असद भोपाली के बेटे व मशहूर लेखक गालिब असद भोपाली से कुछ दिन पहले उनके घर पर हमारी लंबी बातचीत हुई थी. उस बातचीत के दौरान गालिब ने स्वीकार किया था कि उनकी नई फिल्म ‘‘जोगीरा सारा रा रा. . ’’ का नायक जोगी वह स्वयं है. फिल्म का प्रिमायसेस उनकी जिंदगी व उनके घर के कुछ किरदार हैं. जिन्हे उन्होने प्यार को लेकर वर्तमान सामाजिक सोच के आधार पर हास्य के रूप में पेश किया है. उस दिन गालिब असद भोपाली से बातचीत करने के बाद इस फिल्म को लेकर काफी उम्मीदें पैदा हुई थी, लेकिन फिल्म देखकर उन पर पानी फिर गया. यह फिल्म अति औसत दर्जे के हास्य घटनाक्रमों से भरी हुई है. फिल्म के निर्माण व निर्देशन से वही टीम जुड़ी हुई है, जिसने गालिब असद भोपाली लिखित पिछली फिल्म ‘‘बाबूमोषाय बंदूकबाज’’ का निर्माण व निर्देशन किया था. गालिब असद भोपाली काफी समझदार व सुलझे हुए इंसान व लेखक हैं. कम से कम उनसे इस स्तर की फिल्म की उम्मीद नही की जा सकती थी. इतना ही नही मैं गालिब असद भोपाली को ‘शक्तिमान’ के जमाने से जानता हॅंू और कुछ हद तक उनके लेखन से परिचित हूंू, इसलिए भी ‘‘जोगीरा सारा रा रा’ देखकर बहुत निराषा हुई. . फिल्म ‘‘जोगीरा सारा रा रा. . ’देखते हुए मुझे गालिब की यह बातंे याद आ रही थीं कि जब इंसान के हाथ से किताबें छूटती हैं, तो भाषा भी छूटती है.  किताबों व साहित्य की बजाय जब इंसान मोबाइल व इंटरनेट पर निर्भर हो जाता है, तब वह यह भूल जाता है कि भोपाल व लखनउ इस देश के ेतहजीब वाले शहर हैं, जहां ‘संडास’ शब्द नहीं बोला जाता. यह तो महज मंुबईया जुबान वाला शब्द है. फिल्म में बार बार मूख्य किरदार यानी कि अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दकी कहते हैं-‘‘जोगी का जुगाड़ कभी फेल नहीं हो सकता. ‘अफसोस फिल्म में जुगाड़ फेल हो गया.

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