फिल्मकार अनिल शर्मा जब 2001 में प्रदर्शित अपनी सफलतम फिल्म ‘गदर एक प्रेमकथा’ की शूटिंग कर रहे थे, उस वक्त तारा सिंह और सकीना के बेटे जीते के लिए बाल कलाकार नहीं मिल रहा था. जीते को ऐक्शन दृश्यों का भी हिस्सा बनना था, जिस के चलते कोई भी मातापिता अपने 6 साल के बच्चे को इस फिल्म से जोड़ने के लिए तैयार नहीं था. तब अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा को ही जीते बना दिया था. उस वक्त उत्कर्ष शर्मा 6 साल के थे.

इस बात को 22 साल बीत गए हैं. उत्कर्ष ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उस के बाद फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ने के लिए फिल्म मेकिंग सीखने वे अमेरिका चले गए. फिर फिल्म ‘जीनियस’ में हीरो बन कर आए थे. अब वह ‘गदर 2’ में युवा जीते के किरदार में नजर आने वाले हैं। प्रस्तुत हैं, उत्कर्ष शर्मा से हुई बातचीत के खास अंश :

आप की परवरिश फिल्मी माहौल में हुई है, तो आप को संघर्ष नहीं करना पड़ा?

देखिए, संघर्ष को हर इंसान अपनेअपने नजरिए से देखता है. जहां तक मेरा सवाल है, मैं ने काफी मेहनत की है. मैं ने कम उम्र में अपने पापा के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम किया जबकि बोर्ड की परीक्षाएं चल रही थीं.

ऐसा अकसर होता था, जब पढ़ाई के बीच में मैं अपने पापा के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करता था. बाद में मैं फिल्म मैकिंग में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए अमेरिका चला गया. वहां पर मैं ने अभिनय की ट्रैनिंग लेने के साथ ही 1 साल तक थिएटर भी किया. बतौर कलाकार वहां की कई शौर्ट फिल्मों में अभिनय भी किया. मैं ने वहां कई शौर्ट फिल्मों का निर्माण व निर्देशन भी किया, जिन्हें फिल्म फैस्टिवल में पसंद भी किया गया. मैं यह सारी मेहनत अपने अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कर रहा था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...