कहते है कि धीरज और मेहनत अगर आप के पास हो तो आप किसी भी मुश्किल घड़ी को पार जाते है, यह सही है की हर कामयाब इंसान के रास्ते कठिन होते हैं, कुछ ऐसा ही था अदभुत सुरों की मल्लिका आशा भोंसले की जिंदगी में. जिनका प्रारम्भिक जीवन बहुत संघर्ष के साथ गुजरा. उन्होंने 10 वर्ष की उम्र से गाना शुरू किया था. लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की इस बेटी ने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से यह सिद्ध कर दिया कि वह सबसे अलग है. 9 साल छोटी उम्र में उनके पिता के निधन के बाद पूरा परिवार सांगली से कोल्हापुर और फिर कोल्हापुर से मुंबई आ गया. आशा भोंसले, उनके भाई-बहन उनके तीन बच्चे होने के बावजूद भी काफी संघर्ष के बाद आज वह यहां पहुची है.

आशा भोंसले की यात्रा में बहुत संघर्ष था. 50 के इस दशक में गीता दत्त, शमशाद बेगम जैसी बड़ी-बड़ी गायिकाओं का बोलबाला था. लता मंगेशकर का नाम थोड़ा हो रहा था. लेकिन आशा को अच्छे अवसर नहीं मिल रहे थे. पहले जब वह इस क्षेत्र में आई तो ‘बी’ और ‘सी’ ग्रेड फिल्मों में गाने का भी मौका उन्हें नहीं मिलता था, ’कोरस’ में वे गाती थी. सोलो गाने तब मिलते थे जब कोई बड़ी गायिका उस गीत को गाने से मना करती थी. आशा ने हिम्मत नहीं हारी और जो भी गाना मिलता था उसे दिल से गाकर उसे निखार देती थी. धीरे-धीरे यही मेहनत रंग लाने लगी.

बी.आर.चोपड़ा की फिल्म ‘नया दौर’ के गाने इतने हिट हुए कि संगीत की दुनिया में वह छा गईं. ‘तीसरी कसम’ फिल्म में उन्होंने एक मजेदार गाना ‘पान खाए सैयां हमारो…… गाया. इस गाने की रिकॉर्डिंग की तैयारी की गई थी और शैलेन्द्र को गीत के बोल समझ में नहीं आ रहे थे. उसी समय सचिन देव बर्मन कुर्ता पहन कर आये. कुछ पान के छींटे उनपर पड़े हुए थे. बस इसे देखकर ही यह गाना ‘पान खायों’ बन गया. आशा भोंसले की खूबी यह है कि उन्होंने गज़ल, पॉप संगीत, शास्त्रीय संगीत आदि सभी तरह के गाने गए हैं. गाना चाहे कोई भी हो आशा भोंसले उसमें एक अलग इमेज तैयार करती हैं. यही वजह है कि हर बार उनके हिट गाने से उनके प्रसंशकों की संख्या बढ़ती गई.

तीसरी मंजिल, उमराव जान, रंगीला और न जाने कितने ही फिल्मों के गाने उन्होंने गाये. उन्होंने हिंदी के अलावा मराठी, बांग्ला, गुजराती, पंजाबी, मलयालम, भोजपुरी, रुसी और अंग्रेजी सभी भाषाओं में गाने गाएं हैं. आज करीब 16 हजार गाने वह गा चुकी हैं. अपनी 72 साल की इस जर्नी में आज भी कोई निर्माता और संगीत निर्देशक अपनी फिल्मों में एक गाना आशा भोंसले का रखकर या उनसे गंवाकर अपने आप को खुशनसीब मानता है.

संगीत की दुनिया के अलावा उनके  निजी जीवन में भी बहुत संघर्ष था. 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने निजी सचिव और प्रेमी गणपत राव भोंसले के साथ घर वालों की मर्जी के बिना शादी की. पति और उनके परिवार वालों के बुरे बर्ताव की वजह से उन्होंने साल 1960 में उन्हें तलाक देकर मां के पास रहने चली आई. इस समय वह दो बच्चों की माँ और गर्भवती थी. संगीत की दुनिया में अभी भी पहचान बनाना आसान नहीं था. गाने तो मिलने लगे थे पर उसके पैसे कभी मिलते थे तो कभी नहीं. एक तरफ काम पाने का संघर्ष तो एक तरफ निजी जिंदगी में जरूरतों को पूरा करने का संघर्ष चल रहा था. बच्चों की जिम्मेदारियां भी थी उस समय वह जल्दी उठकर घर की काम-काज निपटाकर 7 बजे बोरीवली से निकल कर मुंबई शहर की ओर जाती थी.

एक स्टूडियो से दूसरे और दूसरे से तीसरे इस तरह दिन रात गाना गाकर देर रात घर पहुँचती थी. एक ओर छोटे-छोटे बच्चों की चिंता तो दूसरी ओर काम मिलने की चिंता. एक माँ के लिए इससे बड़ा संघर्ष कुछ भी नहीं था. एक बार तो ऐसा हुआ कि गाने की रिकॉर्डिंग के बाद पैसे मिलने की उम्मीद में 5 घंटों तक बैठी रहीं. उस समय वह 8 महीने की गर्भवती थी फिर अंत में उन्हें पता चला कि निर्माता बिना पैसे दिए कब का चला गया. इन तकलीफों की छाया उन्होंने अपने संगीत पर कभी पड़ने नहीं दी. साल 1980 में उन्होंने संगीतकार राहुल देव वर्मन के साथ शादी की. यह विवाह सफल रहा.

अभी उन्होंने अपने जीवन के 83 वर्ष पूरे किये हैं. हाल ही में उनके जन्मदिन के अवसर पर ‘जी क्लासिक’ ने ‘टाइमलेस आशा’ के नाम से भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें सम्मान दिया. वहां उन फिल्मों के सभी लिजेंड्री कलाकारों संगीतकारों ने शामिल होकर उन्हें बधाईयाँ दी, क्योंकि वे सभी आज उनकी वजह से सफल हैं. इसमें हेलेन, तब्बू, जयाप्रदा, जीनत अमान, डिंपल कपाड़िया आदि सभी ने भाग लिया.

अपने जन्मदिन के अवसर पर आशा ने कहा जो इंसान कभी अधिक बातें करता है, वह कभी चुप हो जाता है. उसको समझना मुश्किल होता है कि क्या बातें करें. मेरा भी यही हाल हो रहा है. मैं आज बहुत खुश हूँ. मेरी जो हीरोइनें यहां हैं, जिनको देखकर में गाती थी और सोचती थी कि मैं ये गाना किसके लिए गा रही हूं. मुझे उनका चेहरा सामने लाना पड़ता था. मैं कई बार शर्मा जाती थी कि क्या मुझे इतनी सुंदर एक्ट्रेस के लिए गाना पड़ेगा.

‘सागर’ फिल्म का पास आओ न….’ जब ये गाना गा रही थी, तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि आर. डी.बर्मन ने बताया था कि ये एक सुंदर अकेली लड़की का पानी में छलांग लगाने के बाद के दृश्य को बताना है. बर्मन भी सोचते थे कि खुबसूरत लड़की के लिए संगीत कैसा होना चाहिए. किसी भी गाने को गाने से पहले अभिनेत्री का नाम बताया जाता था, मुझे याद आता है जब मुझे हेलेन के लिए गीत गाना पड़ा वह बहुत खुबसूरत थी कि मैंने एक बार कहा था कि अगर मैं लड़का होती तो कबका आपको उठाकर ले जाती. जब मैंने जीनत अमान के लिए फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ का गीत ‘दम मारो दम’ गाया, तो देवानंद ने कहा था कि आपको एक छोटी बच्ची के लिए बच्ची बनकर गीत गाना है. मैंने कहा मैं उतनी छोटी तो नहीं हूँ पर कोशिश करती हूँ.

आशा भोंसले अपनी यात्रा को खास मानती हैं, क्योंकि संघर्ष के बिना कामयाबी नहीं मिलती, वह अपने बारें में बताती हैं कि एक छोटी, मोटी और कम अक्ल की जीवन रूपी नदी को लेकर मैं चल पड़ी, जाते-जाते उसे पता नहीं था कि उसे कितने पहाड़ो से टकराना है, एक पहाड़ से टकराई जोर से उछली, गिरी, फिर उठी और आगे बढ़ी. ऐसा करते-करते कभी पहाड़ तो कभी अच्छी नदियां उसका साथ दे रही थी. चलना उसने नहीं छोड़ा था. पहले उन बच्चों  को बड़ा करना था जो उनके साथ बह रहे थे, उन तीन बच्चों के हाथ पकड़ कर चलते हुए देखकर लोग हंस रहे थे. कुछ ने गालियां तक दी. कुछ लोगों ने काम का पैसा दिया कुछ ने नहीं. लेकिन मैं काम करती रही, कभी किसी ने मेरे आंसू नहीं देखें. लेकिन हंसी मुझे हमेशा आसपास दिखी. आंसू बहाने का जब समय आया तो मैं शावर के नीचे गई. ऐसा करते-करते आज यहां पहुंची हूँ.

अपने जन्मदिन के बारें में वह कहती है कि जन्मदिन हर व्यक्ति का रोज होता है, रोज सुबह जब वह अपनी आँखें खोलता है, वही उसका जन्मदिन है, मेरा हर दिन जन्मदिन होता है. सुबह उठकर काम करना और गीत गाना यही मेरा काम है, जिस दिन मैं बैठ गई उस दिन मैं खत्म हो जाउंगी. मेरी तुलना घोड़े से दी जा सकती है, जो जीवन खत्म होने के बाद ही बैठता है. इसलिए बैठती नहीं, आज भी भागती हूँ. मैंने बहुत धक्के खाए पर हंसती रही. मेरा सहारा मेरे दर्शक हैं, जिन्होंने प्यार दिया. आज भी मुझे गाना और लोगो के बीच में रहना पसंद है, लेकिन जब गाड़ी में अकेली होती हूँ, तो एक ही गाना मुझे याद आता है. वह है ‘मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है……’ ऐसा गाते-गाते उनकी आँखे भर आई.

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