बहुमुखी प्रतिभा की धनी अदा शर्मा कभी चर्चित एथलीट थीं. वह नृत्य में भी माहिर हैं.पियानो बहुत अच्छा बजाती है. संगीत में भी उनकी रूचि रही है. पर इन दिनों वह सिर्फ अभिनय तक सीमित होकर रह गयी हैं. वह हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी अभिनय कर रही हैं. इन दिनों वह नमन नितिन मुकेश निर्देशित हिंदी फिल्म ‘‘बायपास रोड’’ को लेकर अति उत्साहित हैं. आठ नवंबर को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘बायपास रोड’’ में अदा शर्मा के साथ नील नितिन मुकेश, गुल पनाग, रजित कपूर, शमा सिकंदर जैसे कलाकार भी हैं.

प्रस्तुत है अदा शर्मा के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश.    

2008 से यदि आपके कैरियर को देखा जाए तो 11 साल का कैरियर है. कैसे देखती हैं?

11 साल का नहीं, मैं सोचती हूं 100 साल का है. क्योंकि मेरी पहली फिल्म का नाम ‘1920’ है. अब 2019 चल रहा है. तो मुझे 100 साल की इंडस्ट्री मिली है. मुझे लगता है यह यात्रा काफी एक्साइटेड रहा. क्योंकि मैंने शुरुआत भी हौरर से किया था. काफी भाषाओं में काम किया है. काफी जोनर में काम किया है. बहुत अच्छा सफर रहा है.

जब आप दूसरी भाषाओं में काम करती है, जिस तरह से आपने शुरुआत भी दूसरी भाषाओं से किया था, तो किस तरह की तकलीफ आती है?

वास्तव में मैं भाषा को सीख लेती हूं.जिससे एक्सप्रेशंस देना सरल हो़ जाता है. फिर संवाद रटने की जरूरत नहीं होती है. आप अपना पूरा ध्यान अभिनय पर लगा सकते हैं. पर अगर नई भाषा में पहली फिल्म है, तो यह मेरे लिए भाषा की तकलीफ नहीं बल्कि चुनौती होती है. क्योंकि हिंदी या इंग्लिश में हो तो हम लोग कंफर्टेबल है. पर अगर दूसरी कोई भाषा है, तो हम लोग कंफर्टेबल नहीं होते हैं, पर सीख लेते हैं. इस एक चुनौती के चलते मुझे काम करने में मजा आता है.

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