पंजाबी सिनेमा में सुपर स्टार माने जा रहे गैवी चहल ने टीवी सीरियल ‘‘मोहे रंग दे’’से करियर की शुरूआत की थी. उसके बाद वह कुछ रियालिटी शो में नजर आए. पर 2012 में गैवी चहल को सलमान खान के साथ फिल्म ‘‘एक था टाइगर’’ में पाकिस्तानी आईएएस एजेंट कैप्टन अबरार का किरदार निभाने का अवसर क्या मिला, उनके करियर में नया मोड़ आ गया. इन दिनों वह अपनी देशभक्तिपूर्ण फिल्म ‘‘ये है इंडिया’’ को लेकर चर्चा में है, जो कि 24 मई को रिलीज होगी.

प्रस्तत है गैवी चहल से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश

Gavie-Chahal--IN-FILM-YEH-HAI-INDIA-

एक वक्त वह था,जब टीवी कलाकारों को फिल्म वाले अछूत की तरह देखते थे.पर अब ऐसा नहीं रहा. आपका अपना अनुभव क्या रहा?

देखिए, आप हर सब्जी में आलू डालेंगे,तो आलू की वैल्यू कम हो जाती है.उसी तरह से टीवी है. टीवी मुफ्त में देखने को मिलता है, तो आप घर में देख सकते हैं. जो कलाकार दर्शक को उसके घर के टीवी में हर दिन मुफ्त में दिख रहा हो, उसके लिए दर्शक तीन सौ रूपए देकर थिएटर में क्यों जाएगा? यही सोच फिल्म वालों की भी रही है. फिल्मकार भी सोचते हैं कि जो चेहरा हर घर में नजर आ रहा है, उसके लिए कोई 300 रूपए की टिकट क्यों देगा? यही लोगों की दिमागी सोच/मेंटालिटी रही है. पर अब धीरे धीरे बदल रही है. अब टीवी से फिल्मों में जाने वालों की संख्या बहुत तेजी से बदल रही है. इन्हें दर्शक फिल्मों में देखना भी पसंद कर रहा है. यानी कि लोगों का नजरिया बदला है. अब टीवी कलाकारों को फिल्मों में भी स्वीकार किया जा रहा है. एक तरह से यह सिस्टम का मसला है. पर अब सिस्टम बदल चुका है. मैने ‘एक था टाइगर’’ के बाद कई हिंदी व पंजाबी फिल्में की. पंजाबी फिल्मों में मुझे सुपर स्टार माना जाता है. अब हिंदी फिल्म ‘‘ये है इंडिया’’ में हीरो बनकर आ रहा हूं.

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