अभिनय को अपना सबकुछ मानने वाली अभिनेत्री जश्न अग्निहोत्री दिल्ली की हैं. एयर होस्टेज के पद पर काम करने वाली जश्न को हिंदी फिल्में देखने का शौक बचपन से था, पर उन्होंने कभी अभिनय के बारें में सोचा नहीं था. काम के दौरान बौलीवुड के कुछ मौडल कौर्डिनेटर ने उसे अभिनय की सलाह दी और औडिशन के लिए बुलाया. वह मौडल बनी और उसी दौरान उन्हें मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्म ‘इंदू सरकार’ में एक गाने के लिए चुना गया. उनका काम छोटा था, पर सबने उनकी तारीफ की.

यहीं से उनकी फिल्मों की जर्नी शुरू हुई. अभिनय के अलावा वह एक ट्रेंड क्लासिकल डांसर भी हैं. उन्होंने हिंदी ,पंजाबी और तेलगू फिल्मों में काम किया है. उनकी पंजाबी फिल्म ‘चन तारा’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने डबल रोल किया है. अपनी जर्नी को लेकर वह जश्न बहुत खुश हैं. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

JashnAgnihotri

प्र. आप इंडस्ट्री में कैसे आई ? किससे प्रेरणा मिली?

मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं मौडल या एक्ट्रेस बनूंगी, मैं पहले एयर होस्टेज थी. फ्लाइट में कुछ लोग ऐसे मिले जो मौडल कौर्डिनेटर थे और उन्होंने मुझे कहा कि मेरा फेस अच्छा है. मेरी हंसी चार्मिंग है, ऐसा सुनते-सुनते मेरे अंदर अभिनय की इच्छा पैदा हुई.

प्र. पहली बार कब अभिनय के बारे में सोचा? दिल्ली से मुंबई कैसे आना हुआ?

मैंने अभिनय के बारे कभी नहीं सोचा था. मैं दिल्ली की हूं और मुझे अपना काम अच्छा लग रहा था, लेकिन मैंने मौडलिंग के बारे में अवश्य सोचा था. काम के दौरान एक मौडल कौर्डिनेटर ने अपना कार्ड दिया और मुझे औडिशन के लिए बुलाया. फिर मुझे जब मुंबई फ्लाइट के साथ नाईट स्टे करने का मौका मिलता था, औडिशन देने चली जाती थी. इससे मुझे थोडा-थोडा काम मिलना शुरू हुआ.

ऐसा करते-करते फिल्मों के लिए भी औडिशन देने के लिए जाती रही. मैंने आज तक 100 से भी अधिक विज्ञापनों में काम किया है. ऐसे ही मुझे मधुर भंडारकर मिले और फिल्म ‘इंदु सरकार’ के एक गाने के लिए मेरा स्क्रीन टेस्ट लिया. मैं चुन ली गयी और फिल्मों की यात्रा शुरू हुई. मैंने ‘जीनियस’ फिल्म में भी काम किया है. इसके बाद एक मैंने पंजाबी फिल्म की है, जिसमें मैंने डबल रोल किये हैं. इस फिल्म के बाद मुझे काफी सराहना मिली और आगे अच्छा काम करने के बारे में सोचती हूं.

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प्र. नये कलाकार को एक सही फिल्म मिलना कितना मुश्किल होता है?

नये कलाकार को अच्छा काम मिलना मुश्किल होता है, ऐसे में अगर भूमिका छोटी होने पर भी इफेक्टिव हो, तो उसे करना पसंद करती हूं, क्योंकि ऐसी बड़ी फिल्म का हिस्सा बनने से आपको बड़े कलाकार के साथ काम करने और सीखने का मौका मिलता है. कई बार ये छोटी सी भूमिका फिल्म को आगे बढ़ने में मदद करती है. इसलिए मैं वैसी ही भूमिका को खोजती हूं.

प्र. अच्छी नौकरी को छोड़कर आप फिल्मों में अभिनय के लिए आई, कितना रिस्की और संघर्ष था?

सुरक्षित जीवन से असुरक्षित क्षेत्र में आना मेरी अपनी पसंद है और मुझे इसमें अधिक अच्छा लग रहा है. इसके अलावा मुझे अधिक संघर्ष नहीं करने पड़े, क्योंकि जान पहचान से मुझे कुछ काम मिले थे. मेरा फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है, पर लाइफ ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. यहां आते ही मौडलिंग शुरू हुई, फिर थोड़े-थोड़े अभिनय का काम भी मिलना शुरू हो गया था.

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प्र. परिवार का सहयोग कितना था?

पहले जब मैंने बताया तो वे थोड़े नाराज़ हुए थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि यहां शोषण काफी होता है, इंडस्ट्री में लड़कियों को सम्मान नहीं मिलता आदि, लेकिन मेरी यात्रा को देखने के बाद वे अब खुश हैं और मेरे काम की सराहना करते हैं.

प्र. अभिनय को लेकर आपने कुछ मापदंड बनाये हैं?

नहीं, मैंने कोई मापदंड नहीं बनाये हैं, जैसी भूमिका होगी, मैं वैसा ही करना चाहती हूं. मैं निर्देशक के अनुसार चलती हूं.

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प्र. क्या कभी आपको कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा?

नहीं, मुझे कभी सामना नहीं करना पड़ा. मेरी यात्रा बहुत अच्छी रही है और मैं अपने काम से बहुत संतुष्ट हूं.

प्र. कोई खास ड्रीम प्रोजेक्ट, जो आप करना चाहें?

मैं मधुबाला और माधुरी दीक्षित की बायोपिक में अभिनय करना चाहती हूं. मुझे इसकी बहुत चाहत है. इसके अलावा मैं निर्देशक साजिद नाडियाडवाला, संजय लीला भंसाली और नीरज पांडे के साथ काम करना चाहती हूं.

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प्र. ‘मी टू’ के बारें में आपकी सोच क्या है?

ये कैम्पेन अच्छा है, लेकिन इसे कानून की सहायता से सुलझाना चाहिए, पहले मीडिया के द्वारा नहीं, क्योंकि क्या सही क्या गलत है, इसे कानून की नजर से देखना चाहिए और गलती होने पर सजा भी मिलनी चाहिए.

प्र. आप कितनी फूडी हैं?

मैं पंजाबी हूं और पंजाबी सारे भोजन मुझे पसंद हैं. मैं सब खाती हूं, लेकिन वर्कआउट भी करती हूं. मैं दिल्ली के सभी जगहों के छोले-भठूरे खाकर बड़ी हुई हूं.

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प्र. आप कितनी फैशनेबल हैं?

मुझे फैशन बहुत पसंद है और हर तरह के परिधान पहनती हूं. मैं अपनी डिजाइनर खुद हूं. पर्सनल लाइफ में मैं बहुत साधारण हूं, लेकिन अगर शूट हो, तो उसके हिसाब से सबकुछ करती हूं.

प्र. तनाव होने पर क्या करती हैं?

वर्कआउट करती हूं, इससे सारा तनाव निकल जाता है.

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प्र. समय मिलने पर क्या करती हैं?

मैं सारे अखबार पढ़ती हूं, डांस करती हूं और दोस्तों से मिलती हूं.

प्र. सबसे बेस्ट कौम्प्लीमेंट क्या है?

निर्देशक मधुर भंडारकर ने मेरे काम की तारीफ की थी.

प्र. इंडस्ट्री में अपने आप को बनाये रखने के लिए क्या करती हैं?

मुझे जो काम मिलता है, उसे मैं खुशी से और अच्छा करने की कोशिश करती हूं.

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प्र. आउटसाइडर होने से मुश्किलें आई?

मुश्किलें आई, पर मैं उस पर अधिक ध्यान नहीं देती. खुद कैसे ग्रो करना है, उसपर विश्वास करती हूं.

प्र. किस तरह की फिल्में देखकर आप बड़ी हुई?

मैंने बचपन में धर्मेन्द्र और राजेश खन्ना की फिल्में बहुत देखी है, क्योंकि मेरी मां और नानी उनकी फैन थी. उसमें मुझे राजेश खन्ना की फिल्म ‘आनंद’ और ‘अमर प्रेम’ आदि बहुत पसंद हैं. अभी के फिल्मों में गिप्पी ग्रेवाल की फिल्में देखी हैं. इसके अलावा फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ भी बहुत पसंद आई.

प्र. वेब सीरीज में करने की इच्छा है?

अभी मैंने एक वेब सीरीज की है और आगे भी करना चाहती हूं.

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