फिल्म समीक्षाः फिल्म समीक्षाः

रेंटिंग- साढ़ें तीन स्टार

निर्माताः अनुराग बसु और टी सीरीज निर्माताः अनुराग बसु और टी सीरीज
लेखक,निर्देशक व कैमरामैनः अनुराग बसु लेखक,निर्देषक व कैमरामैनः अनुराग बसु लेखक,निर्देशक व
कलाकारःअभिषेक बच्चन,आदित्य राॅय कपूर,राज कुमार राव,फातिमा सना
शेख,सानिया ईरानी,पंकज त्रिपाठी, रोहित सराफ,पर्लमा शेख,सानिया ईरानी,पंकज त्रिपाठी, रोहित सराफ,पर्ल माने,इनायत वर्मा, ,इनायत वर्मा

पारितोश त्रिपाठी,आशा नेगी,शालिनी वत्स,भानु उदय,सं पारितोष त्रिपाठी,आशा नेगी,शालिनी वत्स,भानु उदय,संदीप शर्मा दीप शर्मा दीप शर्मा
अवधिः दो घंटे 29 मिनट
ओटिटि प्लेटफार्म 12 नवंबर

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वाले चार अलग -अलग लोगों की यात्राओं की कहानी है.लेकिन यह यात्राएँ केवल यात्राएँ नहीं
है ,बल्कि यह एक संयुक्त  रोलर कास्टर राइड है,जिन्हे देखते हुए दर्शक इंज्वाॅय करते है.ढाई घंटे की
अवधि वाली फिल्म ‘लूडों ’12 नवंबर से ओटीटी प्लेटफार्म ‘नेटफ्लिक्स’पर देखी जा सकती है

कहानी:
एक नदी के किनारे लूडों  के खेल के साथ दो शख्स पाप व पुण्य पर चर्चा कर रहे हैं . और यह
फिल्म की चार कहानियों के सूत्रधार है .यह चारों कहानियां लूडो की चार रंग  की गोटियों के अनुसार ही
है .प्यार  और  गुस्से का प्रतीक लाल रंग बटुकेष्वर तिवारी उर्फ बिट्टू (अभिषेक बच्चन) की कहानी है.
शांत त, खुश  धूप के प्रतीक पीला रंग है,डॉ.आकाश चौहाण(आदित्य रॉय कपूर) की कहानी का ट्रैक है जबकि आशावाद और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करने वाले नीले रंग की कहानी राहुल(रोहित सराफ)
और बीजा  (पियरले माने) की है.तो वहीं है अप्रत्याषित का प्रतीक हरा रंग आलोक कुमार गुप्ता उर्फ
आलू (राजकुमार राव)की कहानी है,जो  कि राहुल सत्येंद्र त्रिपाठी उर्फ सत्तू भईया (पंकज त्रिपाठी) की
कहानी को आगे बढ़ाने वाले पासा हैं.उनके गले में लटके हुए पास  में बहुत सूक्ष्म सुराग है.
कहानी रांची की है.सत्तू भईया अपराध के बादशा ह हैं.पुलिस उन तक पहुॅच नहीं  पाती.वह लोगों
की मदद करते हैं ,मगर झूठ,फरेब उन्हे पसंद नही.चारो कहानियां  किसी न किसी ढंग से सत्तू भईया के
संग  जुड़ती है .एक बिल्डर ब्रिदेंर व उसकी पत्नी की हत्या कर आगे बढ़ते हैं.रास्ते में वह आशा  के
तथाकथित पति को अपने साथ ले जाते हैं और  आशा  से कहते हैं  कि उन्हे पता है कि बिट्टू जेल से
वापस आ गया है,पर वह मुझसे  मिलने नहीं आया,उसे भेज देना.रास्ते में ही वह राहुल को भी उठाकर
अपने अड्डे पर पहुॅचते हैं.

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