वक्त वक्त की बात है. लगभग डेढ़ वर्ष पहले तक पहलाज निहलानी ‘‘केद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ के चेयरमैन पद पर आसीन थे. उस वक्त वह अपनी इस संस्था व खुद को पाक साफ बता रहे थे, जबकि उनके कार्यकाल में भी ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ पर कई फिल्मकारों ने आरोप लगाए थे. उनके कार्यकाल में इतना हंगामा हुआ था कि पहलाज निहलानी को अपने कार्यकाल के समाप्त होने से साढ़े पांच माह पहले ही अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था.
अब जब पहलाज निहलानी ने बतौर फिल्म निर्माता गोविंदा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘‘रंगीला राजा’’ बनायी हैं, तो वह भी घड़ियाली आंसू बहाते हुए ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ पर आरोप लगाने लगे हैं. उनका आरोप है कि ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ व उसके चेयरमैन प्रसून जोषी के चलते उनकी फिल्म ‘‘रंगीला राजा’’ के 16 नवंबर को प्रदर्षित होने की संभावनाएं नजर नही आ रही हैं.
पहलाज निहलानी ने ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ और इसके चेयरमैन प्रसून जोषी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है-‘‘मैंने डेढ़ माह पहले अपनी फिल्म को सेंसर प्रमाणपत्र के लिए भेजा था. लेकिन मेरी समझ में नही आ रहा है कि ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ ने अब तक मेरी फिल्म को सेंसर करके प्रमाणपत्र क्यों नहीं दिया है.
नियमों के तहत 21 दिन के अंदर चेयरमैन को चाहिए कि वह फिल्म सेंसर करने वाली कमेटी को फिल्म दिखाए और कमेटी को तय करने दें कि वह फिल्म को लेकर किस तरह का प्रमाणपत्र देना चाहती है. मगर समस्या यह है कि प्रसून जोषी बामुश्किल आफिस में मौजूद रहते हैं. जबकि जब मैं चेयरमैन था, तब मैं हर दिन आफिस में रहता था और छुट्टी के दिन भी काम करता था.’’