Sky Force : रेटिंग: दो स्टार
एक साल पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर 25 जनवरी 2024 को देशभक्ति के नाम पर फिल्म ‘‘फाइटर’’ प्रदर्शित हुई थी, इस बकवास फिल्म ने बौक्स औफिस पर पानी नही मांगा था. इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर 24 जनवरी को फिल्म ‘‘स्काई फोर्स’’ प्रदर्शित हुई है. ‘फाइटर’ और ‘स्काई फोर्स’ में कोई बहुत ज्यादा अंतर नही है, फर्क सिर्फ इस बात का है कि अनमने तरीके से ‘स्काई फोर्स ’में 1965 के भारत व पाक युद्ध के समय शहीद हुए एयरफोर्स स्क्वार्डन लीडर एबी देवैया से जुड़ी सत्य घटना को जोड़ने के. इस हिसाब से तो इस फिल्म का हीरो वीर पहाड़िया को होना चाहिए था, मगर फिल्म का हीरो अक्षय कुमार हैं.
मतलब इस फिल्म में इतना घालमेल है कि दर्शक की समझ में ही नही आता कि वह कहां फंस गया. क्या सिनेमाई स्वतंत्रता के नाम पर लेखकों व निर्देशकों ने जबरदस्त तरीके से तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है? क्या यह फिल्म अंधभक्ति वाला राष्ट्रवाद परोसती है? लेखकों व निर्देशकों को किस मजबूरी के तहत कथ्य व तथ्य के साथ छेड़छाड़ करने के साथ ही किरदारों के नाम भी बदलने पड़े, पता नहीं. फिल्म की शुरूआत में सबसे पहले लंबाचौड़ा डिस्क्लेमर/अस्वीकृतिकरण दिया गया है, जिसे अति कम समय में पढ़ पाना संभव नही हुआ. इसलिए इस में क्याक्या कहा गया है, पता नही.
खैर, सबसे पहले बात फिल्म के नाम को ले कर ही की जाए. फिल्म देखते हुए दर्शक की समझ में आता है कि 1965 के युद्ध के समय पाकिस्तान द्वारा भारत के एयरफोर्स के एयरबेस पर किए गए हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जिस मिशन की घोषणा हुई थी, उसे ‘स्काई फोर्स’ मिशन कहा गया. पर जब हम ने इस पर शोध किया तो हमें 1965 से 1971 के बीच भारत व पाक ने जितने भी मिशन चलाए, उन के जो नाम नजर आए, उन में ‘स्काई फोर्स’ का कहीं जिक्र नही है.
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