Relationship : पतिपत्नी में कमाई और खर्चों को ले कर कलह जब हद से गुजरने लगती है तो नतीजे किसी के हक में अच्छे नहीं निकलते. बात तब ज्यादा बिगड़ती है जब पति अपने घर वालों पर खर्च करने लगता है लेकिन क्या ऐसा करने से पत्नी को उसे रोकना चाहिए?

सोशल मीडिया पर अकसर वायरल होते इस जोक को पढ़ कर कोई भी खुद को मुसकराने से रोक नहीं पाता.
“एक पत्नी ने अपने पति से कहा, सुनो जी मुझे 3000 रुपए उधार दे दो, तुम्हारी सैलरी आते ही चुका दूंगी.”
एक खास बात है इस जोक में जो पतिपत्नी के बीच की आर्थिक आत्मीयता को दर्शाती है जो कि सफल और सुखद दांपत्य के लिए बेहद जरुरी है. लेकिन क्या यह सभी कपल्स को हासिल है तो इस सवाल का जवाब न में ही निकलता है और बताता है कि आज भी अधिकतर पत्नियां पैसों के लिए पति की मोहताज रहती हैं. आज भी मतलब एक ऐसे दौर से हैं जहां लड़कियां तेजी से शिक्षित और जागरूक हुई हैं. बड़ी तादाद में वे नौकरीपेशा भी हैं. मुमकिन है कमाउ पत्नियों को बातबात पर पैसों के लिए पति का मुंह न ताकना पड़ता हो लेकिन कड़वा सच यह भी है कि बड़े खर्चों और इन्वेस्टमेंट के लिए उन्हें भी पति की सहमति या अनुमति की दरकार रहती है.

इस पर विवाद अपेक्षाकृत कम होते हैं पर फसाद उन घरों में ज्यादा खड़े होते हैं जहां सिर्फ पति कमा रहा होता है. कमाउ पति को खर्चों और निवेश के लिए पत्नी की राय कितनी अहमियत रखती है यह उन के आपसी तालमेल और ट्यूनिंग पर निर्भर करता है. अगर ये दोनों न हों तो विवाद अकसर छोटेबड़े हादसों की शक्ल में सामने आते हैं जैसा कि बीती 30 जनवरी को भोपाल से आया.

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